इन दिनों हर जगह फिल्म आदिपुरुष के ट्रेलर पर हंगामा मचा है क्यूंकि फिल्म के ट्रेलर को लेकर जारी विवाद में अब संत समाज की भी एंट्री हो गई है |
संतों के एक संगठन अखिल भारतीय संत समिति ने फिल्मों में सनातन धर्म का उपहास उड़ाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा है की सेंसर बोर्ड को भंग किया जाना चाहिए और देश में सनातन सेंसर बोर्ड का गठन होना चाहिए |
आपको बता दे की यजा संतों का कहना है कि बॉलीवुड फिल्मों में हिंदू देवी-देवताओं को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है जिसकी निगरानी किए जाने की जरूरत है |
ये मुद्दा संतों की एक बड़ी बैठक में उठा जिसमें विश्व हिंदू परिषद और अखाड़ा परिषद समेत कई संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे |
इतना ही नहीं आपको बता दे की अखिल भारतीय संत समिति के प्रवक्ता महंत नवलकिशोर दास ने कहा कि सेंसर बोर्ड तो आंखों पर पट्टी बांधकर बैठा है | फिल्मों में सनातन धर्म का उपहास होता है और ये उसको पास कर देते हैं |
क्यूंकि फ़िल्म आदिपुरुष में भी यही दिखाया गया है | उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि सेंसर बोर्ड को भंग करके एक नया सनातन सेंसर बोर्ड का गठन किया जाए |समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक फिल्मों में राष्ट्र विरोधी ताकतों का पैसा लगेगा और एजेंडा आधारित फिल्में बनेंगी तो ऐसा ही होगा |
अखिल भारतीय संत समिति ने ये मांग ऐसे समय में की है जब फिल्म आदिपुरुष का ट्रेलर सामने आने के बाद से मचा है | फिल्म आदिपुरुष को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं और फिल्म में राम, रावण और हनुमान के किरदारों की वेशभूषा से छेड़छाड़ के आरोप भी लग रहे हैं |
फिलहाल अब फिल्म के पोस्टर और कलाकारों के पुतले जलाए जा रहे हैं क्यूंकि कई हिंदू संगठनों ने फिल्म को हिंदू भावनाओं के खिलाफ बताया है और मांग की जा रही है कि फिल्म पर बैन लगाया जाए |लेकिन देखना होगा की क्या फ़िल्म पर बैन लगेगा या नहीं |