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Sunday, October 20, 2024

जीएल बजाज में हुई हमारे नैतिक दायित्वों पर परिचर्चा

मथुरा — हम अपने लिए दूसरों से जो अपेक्षा और अधिकार चाहते हैं वे अधिकार हम दूसरों को भी प्रदान करें। हमारा उद्देश्य सभी का उत्कर्ष और उसकी सुख-समृद्धि होना चाहिए। समस्या किसी की भी हो उसे अपनी समस्या मानें, समाज में वैमनस्यता फैलाने की बजाय वैमनस्यता दूर करने का प्रयास करें। युवा नौकरी को ही अपनी जिन्दगी मानने की गलती न करें। यह सागर्भित उद्गार जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा के सामाजिक क्लब पहला कदम द्वारा आयोजित हमारे नैतिक दायित्व विषय पर बृज तीर्थ विकास परिषद के अध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।

परिचर्चा का शुभारम्भ करने से पहले मुख्य अतिथि शैलजाकांत मिश्र, आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी तथा राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के निदेशक डॉ. देवेन्द्र पाठक ने विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित किया। अतिथि वक्ता बृज तीर्थ विकास परिषद के अध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र का स्वागत डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने पुष्पगुच्छ भेंटकर किया तथा उनका परिचय डॉ. मंधीर वर्मा ने दिया।

नौकरी को ही जिन्दगी मानने की गलती न करें युवाः शैलजाकांत मिश्र

अपने उद्बोधन में श्री मिश्र ने युवाओं का आह्वान किया कि वह शिक्षा और अपने करिअर पर ध्यान देने के साथ ही समाज में समरसता का निर्माण करने में भी सहयोग करें। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का समाज, परिवार और राष्ट्र के प्रति  कुछ न कुछ दायित्व होता है, इसका निर्वहन करने के लिए भी हमें गम्भीर होना चाहिए। हम न केवल अच्छे निर्णय लें बल्कि उन पर ईमानदारी से अमल भी करें। इस अवसर पर श्री मिश्र ने विविध कहानियों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को उनके सामाजिक दायित्वों से रूबरू कराया।

अपनी जिम्मेदारियों का सही निर्वहन ही सामाजिक दायित्वः डॉ. रामकिशोर अग्रवाल

इस अवसर पर आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को जिन्दगी में आगे बढ़ने के उपाय सुझाए। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि समाज तभी बदलेगा जब हम स्वयं बदलेंगे। छात्र-छात्राएं नेतृत्व क्षमता, कम्युनिकेशन, समाज से सम्बन्ध, निर्णय लेने की क्षमता तथा टाइम मैनेजमेंट के माध्यम से ही स्वयं और समाज को नई दिशा दे सकते हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि किसी लाभ, स्वार्थ या प्रतिफल की इच्छा के बिना दूसरों की मंगल कामना, लोक कल्याण, सबके हित में योगदान करना भी हमारे दायित्वों में आता है। अगर सभी अच्छे बन जाएंगे तो निश्चित रूप से समस्त समाज भी अच्छा हो जाएगा। सच कहें तो अपनी जिम्मेदारियों का सही ढंग से निर्वहन करना ही सामाजिक दायित्व है। अंत में डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने बृज तीर्थ विकास परिषद के अध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना। संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्होंने जो अतिथि वक्ताओं से जो कुछ भी सुना है उस पर अमल कर अपने सामाजिक दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें।

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