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Thursday, September 19, 2024

अगर आप वास्तव में जीवन में पैसा चाहते हैं, तो पढ़ें गौतम अडानी के ये 10 उपयोगी टिप्स

अगर आप वास्तव में जीवन में पैसा चाहते हैं, तो पढ़ें गौतम अडानी के ये 10 उपयोगी टिप्स

सबसे अमीर और सबसे अनुभवी उद्यमी गौतम अडानी सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स को पीछे छोड़ते हुए दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में चौथा स्थान हासिल किया और उसमें वे फ्रांस के बिजनेसमैन बर्नार्ड अरनॉल्ट को पछाड़ते हुए तीसरे स्थान पर पहुंच गए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गौतम अडानी ऐसे ही नही बन है देश के सबसे अमीर इसके लिए उन्होंने कड़ा संघर्ष किया। गौतम अडानी द्वारा जीवन में हर परिस्थिति में कुछ बातों का अमल हर हाल में करा गया है जिसके बारे में उन्होंने कई बार मीडिया को दिए इंटरव्यू में भी चर्चा की है |

अगर आप वास्तव में जीवन में पैसा चाहते हैं, तो पढ़ें गौतम अडानी के ये 10 उपयोगी टिप्स
अगर आप वास्तव में जीवन में पैसा चाहते हैं, तो पढ़ें गौतम अडानी के ये 10 उपयोगी टिप्स

अगर आप भी अमीर बनना चाहते हैं तो गौतम अडानी से जरूर सीखें ये 10 बातें

1) आज भी पूरे परिवार के साथ खाते हैं खाना

गौतम अडानी व्यस्त रहने के बावजूद भी अपने परिवार के संग ही खाना खाते है | यह गौतम अडानी का ये नियम है कि तमाम व्यस्तता के बावजूद पूरा परिवार ऑफिस में लंच एक साथ टेबल पर करता है. अदानी का कहना है कि तनाव जीवन का हिस्सा है, लेकिन परिवार के लिए समय निकालना भी बहुत जरूरी है।


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2) जन्मभूमि से जुड़ा है बहुत लगाव

गौतम अडानी से एक बार जानने की कोशिश की गई थी कि  उन्होंने अहमदाबाद को केवल अपने मुख्यालय के लिए क्यों चुना जबकि उनका व्यवसाय पूरी दुनिया में फैला हुआ है। अडानी ने कहा कि अहमदाबाद उनका गृहनगर है, जहां वे पले-बढ़े और शहर ने उनके व्यवसाय का बहुत समर्थन किया। उनका कहना है कि गुजरात मेरे परिवार की तरह है और परिवार को कोई कैसे छोड़ सकता है |

3) हमेशा बड़ा सपना देखते है

अदानी परिवार अहमदाबाद के पोल इलाके के शेठ चॉल में रहता है. लेकिन उनका सपना हमेशा महान काम करने और सफल होने का था। गौतम अडानी की पेशेवर यात्रा तब शुरू हुई जब वे गुजरात विश्वविद्यालय से बी.कॉम पूरा करने के बाद मुंबई चले गए। उन्होंने एक हीरा विशेषज्ञ के रूप में शुरुआत की और कुछ वर्षों के भीतर मुंबई के ज़वेरी बाजार में एक डायमंड ट्रेडिंग कंपनी की स्थापना की।

4) यह शुरुआत थी

1991 में आर्थिक क्रांति के कारण अडानी का व्यवसाय तेजी से बदला और वो एक अंतरराष्ट्रीय उद्यमी बन गये। वर्ष 1995 गौतम अडानी के लिए एक बड़ी सफलता साबित हुई, जब उनकी कंपनी को पोर्ट ऑफ मुंद्रा के संचालन का ठेका दिया गया। गौतम अडानी ने अपना व्यवसाय सम्बन्धित विविधीकरण जारी रखा और 1996 में अदानी पावर लिमिटेड अस्तित्व में आया।

5) कभी निराश नही हुए

2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों से गौतम अडानी के जीवन के जीवन की भी सबसे डरावनी कहानी जुड़ी है |26 नवंबर 2008 को वह मुंबई के ताज होटल में खाना खा रहे थे तभी आतंकियों ने उस होटल पर हमला कर दिया था। आतंकियों ने करीब 160 लोगों को मार गिराया, लेकिन अडानी ने हार नहीं मानी और भागने में सफल रहे.

6)मेह्नत करने से नही हटे कभी भी पीछे

गौतम अडानी ने अपना हीरा कारोबार ईमानदारी से शुरू किया, हीरा कारोबार सफल रहा इसलिए वे 1981 में अहमदाबाद आए, जहां उन्होंने अपने चचेरे भाई की पॉलीविनाइल क्लोराइड का व्यवसाय शुरू करने में मदद की। फिर, 1988 में, उन्होंने गौतम अदानी एक्सपोर्ट्स के तहत एक कमोडिटी ट्रेडिंग व्यवसाय शुरू किया।

7) समस्याओं से कभी ना डरे

1997 में गौतम अडानी को कुछ लोगों ने अगवा कर लिया था। गौतम अडानी की रिहाई के बदले में 15 लाख डॉलर यानी करीब 11 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी. गौतम अडानी के अपहरण के पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन फजल उर रहमान उर्फ ​​फजलू रहमान का हाथ बताया जा रहा है|

8) मदद के लिए हमेशा तैयार रहते है

गौतम अडानी फाउंडेशन की देश के 16 राज्यों में मौजूद है। इन जगहों पर अदाणी फाउंडेशन 2400 गांवों के 40 लाख से ज्यादा लोगों को गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक शिक्षा मुहैया कराता है. अदाणी फाउंडेशन 11 राज्यों के 1000 लड़के और लड़कियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण भी देता है।

9) कभी घमंड नही करते

100 अरब डॉलर से अधिक के बाजार पूंजीकरण के साथ टाटा समूह और रिलायंस के बाद अदाणी समूह देश का तीसरा सबसे बड़ा व्यवसाय है। अडानी के संचालन को खनन, बंदरगाहों, बिजली संयंत्रों, हवाई अड्डों, डेटा केंद्रों और रक्षा क्षेत्रों के बीच विभाजित किया गया है। लेकिन गौतम अडानी को गर्व नहीं था। वो हमेशा परिवार और जमीन से जुड़े रहे |

10) हमेशा आगे बढ़ने के बारे में सोचें

गौतम अडानी हमेशा आगे बढ़ने के बारे में सोचते रहते हैं. इससे पहले जब गौतम आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे तब भी उन्होंने निराशा को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। आज भी, वह आगे बढ़ने के लिए संघर्ष करते है।

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