जी.एल. बजाज के छात्र-छात्राओं को किया उद्यमिता की ओर प्रेरित
मथुरा। स्टार्टअप्स की बढ़ती संख्या और इसके प्रति रुझान बताता है कि युवा अपने इनोवेटिव आइडिया तथा विजन की बदौलत नया बिजनेस शुरू करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। एक बिजनेस आइडिया को सफल कारोबार में तब्दील करना आसान नहीं होता। इसके लिए कई प्रकार की तैयारी करने के साथ योजना बनानी पड़ती है, जिससे कि आइडिया को सही तरीके से क्रियान्वित किया जा सके। यह बातें जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा के प्रबंधन अध्ययन विभाग और इंस्टीट्यूशंस इन्वोशल काउन्सिल के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला के अतिथि वक्ता डॉ. राहुल कपूर (टर्निप इनोवेशन्स के संस्थापक और निदेशक) ने एम.बी.ए. और बी.टेक के छात्र-छात्राओं को बताईं।
अतिथि वक्ता डॉ. कपूर जिन्हें बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के लिए पेटेंट एनालिटिक्स, शोध, शिक्षण, पेटेंट सर्च और परामर्श में व्यापक अनुभव है, ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आज के समय में एंटरप्रेन्योरशिप मैनेजमेंट, एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट, सोशल एंटरप्रेन्योरशिप जैसे स्पेशलाइज्ड कोर्सेज को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि इनकी मदद से उद्यमिता में करियर बनाने के इच्छुक युवा अपनी स्किल, नॉलेज एवं एटीट्यूड तीनों को बेहतर तरीके से विकसित कर सकते हैं। अतिथि वक्ता ने कहा कि युवा पीढ़ी उद्यमिता की ओर तेजी से अग्रसर है। वह जोखिम लेने से भी संकोच नहीं कर रही और नये आत्मविश्वास के साथ देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में योगदान दे रही है।
डॉ. राहुल कपूर ने छात्र-छात्राओं को बताया कि प्रबंधन अध्ययन क्षेत्र में उज्ज्वल और गतिशील भविष्य है। उन्होंने कहा कि अब युवा समझने लगे हैं कि अर्थव्यवस्था के विकास में उद्यमिता कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसलिए शीर्ष से लेकर तमाम अन्य इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थानों से निकलने वाले ग्रेजुएट्स नौकरी में जाने के बजाय अपने इनोवेटिव आइडियाज के जरिये आसपास की समस्याओं का समाधान निकालने के प्रयास में जुट रहे हैं। स्टार्टअप से न सिर्फ उनका खुद का विकास हो रहा है बल्कि वे प्रतिभाशाली युवाओं के लिए भी अवसर उपलब्ध करा रहे हैं।
संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कहा कि एंटरप्रेन्योरशिप में वह क्षमता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकता है। विभिन्न समस्याओं का समाधान निकालकर समाज में व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। काम करने के नये अवसर उत्पन्न किए जा सकते हैं तथा स्किल डेवलपमेंट किया जा सकता है। प्रो. अवस्थी ने कहा कि जो भी बड़े सपने देखने में विश्वास करता है, जुनूनी है, धैर्य के साथ काम कर सकता है, जिसमें सीखने की ललक है, दूसरों को सुनने की क्षमता है, वैसे सभी लोग उद्यमिता में अपना चमकदार भविष्य बना सकते हैं। अंत में प्रबंधन अध्ययन विभाग के प्रमुख डॉ. शशि शेखर ने अतिथि वक्ता डॉ. कपूर तथा निदेशक प्रो. नीता अवस्थी को उनके मूल्यवान योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
जी.एल. बजाज के छात्र-छात्राओं को किया उद्यमिता की ओर प्रेरित