G.L. Bajaj students showed creativity on mathematics, Prachi stood first in poster-speech competition and Kavya stood first in power point presentation.
छात्र-छात्राओं में गणित के प्रति आलोचनात्मक सोच और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा में पोस्टर, भाषण तथा पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा और कौशल की छाप छोड़ी। संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने प्रतियोगिता के विजेता-उपविजेता छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र प्रदान कर उन्हें पुरस्कृत किया।
अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं मानविकी विभाग द्वारा संस्थान की नवाचार परिषद (आईआईसी) के सहयोग से आयोजित इस प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से नवाचार और बौद्धिक विकास को आकार देने में गणित के महत्व पर अपनी प्रतिभा की बानगी पेश की। छात्र-छात्राओं ने अपने भाषण तथा पोस्टरों के माध्यम से भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।
समन्वय डॉ. राजेश कुमार देवलिया, डॉ. प्रवीण कुमार अग्रवाल और इंजीनियर बृजेश कुमार उमर आदि की देखरेख में हुई प्रतियोगिता के विजेता तथा उप-विजेता छात्र-छात्राओं की घोषणा निर्णायकों प्रो. भोले सिंह, डॉ. शशि शेखर, डॉ. एन.के. पांडेय, डॉ. शताक्षी मिश्रा और डॉ. राजीव सिंह ने की। पोस्टर प्रतियोगिता में प्राची फौजदार प्रथम, विदुषी सिंह द्वितीय तथा भाव्या तृतीय स्थान पर रहीं। इसी तरह भाषण प्रतियोगिता में प्राची शर्मा ने पहला, मंशिका बंसल ने दूसरा तथा मयंक महावर ने तीसरा स्थान हासिल किया। पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन में काव्या गोयल पहले, याग्निक शर्मा दूसरे और प्रतीक सिंह तीसरे स्थान पर रहे।
विजेता छात्र-छात्राओं को जीएल बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने पुरस्कार स्वरूप प्रमाण-पत्र प्रदान किए। प्रो. अवस्थी ने आज की दुनिया में गणित की प्रासंगिकता पर अपने व्यावहारिक विचार साझा करते हुए कहा कि प्राचीन काल से ही भारत के विभिन्न विद्वानों आर्यभट्ट, ब्रह्म गुप्त, महावीर, भास्कर द्वितीय, श्रीनिवास रामानुजन आदि ने गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
प्रो. अवस्थी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि श्रीनिवास रामानुजन का बचपन से ही गणित से अगाध लगाव रहा। उन्होंने अपनी गणितीय क्षमता से भिन्न, अनंत श्रेणी, संख्या सिद्धांत, गणितीय विश्लेषण आदि में मिसाल कायम की। उन्होंने शुद्ध गणित में किसी औपचारिक प्रशिक्षण के बिना इस विषय में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। उन्होंने गणितीय विश्लेषण किया, संख्या सिद्धांत, अनंत श्रृंखला और निरंतर भिन्न सहित सबसे कठिन गणितीय समस्याओं के समाधान दिए। अंत में उन्होंने छात्र-छात्राओं को नवाचार और सफलता के साधन के रूप में इस विषय को अपनाने का आह्वान किया।
अनुप्रयुक्त विज्ञान और मानविकी विभाग के प्रमुख प्रो. वी.के. सिंह ने प्रतिभागियों के उत्साह की सराहना की तथा उन्हें गणित के अनुप्रयोगों की खोज जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता के पीछे मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को मानवता के विकास के लिए गणित के महत्व के बारे में जागरूक करना है। हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि देश की युवा पीढ़ी के बीच गणित सीखने के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रेरित करने, उत्साहित करने तथा विकसित करने के लिए ऐसी ही पहल जरूरी हैं।
संस्थान की निदेशक के साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राएं।
G.L. Bajaj students showed creativity on mathematics, Prachi stood first in poster-speech competition and Kavya stood first in power point presentation.
To promote critical thinking and creativity towards mathematics among students, poster, speech and power point presentation competitions were organized at GL Bajaj Group of Institutions, Mathura. In which the students left the mark of their talent and skills. Director of the institute Prof. Neeta Awasthi awarded certificates to the winners and runners-up students of the competition.
In this competition organized by the Department of Applied Sciences and Humanities in collaboration with the Innovation Council (IIC) of the institute, students showcased their talent through various presentations on the importance of mathematics in shaping innovation and intellectual development. Through their speeches and posters, students threw light on the personality of Indian mathematician Srinivasa Ramanujan.
The competition was organized under the supervision of Dr. Rajesh Kumar Devalia, Dr. Praveen Kumar Aggarwal and Engineer Brijesh Kumar Umar etc. The winners and runner-up students were announced by the judges Prof. Bhole Singh, Dr. Shashi Shekhar, Dr. N.K. Pandey, Dr. Shatakshi Mishra and Dr. Rajiv Singh.In the poster competition, Prachi Faujdar stood first, Vidushi Singh stood second and Bhavya stood third. Similarly, in the speech competition, Prachi Sharma stood first, Manshika Bansal stood second and Mayank Mahawar stood third.In Power Point Presentation, Kavya Goyal stood first, Yagnik Sharma stood second and Prateek Singh stood third.
The winning students were presented by Prof. Director of GL Bajaj Group of Institutions, Mathura. Neeta Awasthi presented certificates as awards. Pro. While sharing his practical views on the relevance of mathematics in today’s world, Awasthi said that since ancient times, various scholars of India like Aryabhatta, Brahma Gupta, Mahavir, Bhaskar II, Srinivasa Ramanujan etc. have made important contributions in the field of mathematics.
Pro. Awasthi told the students that Srinivas Ramanujan had a deep love for mathematics since childhood. Apart from his mathematical ability, he set an example in infinite series, number theory, mathematical analysis etc. He made many important contributions to the subject without any formal training in pure mathematics.He performed mathematical analysis, giving solutions to the most difficult mathematical problems, including number theory, infinite series, and continued fractions. In the end he called upon the students to adopt this subject as a means of innovation and success.
Head of the Department of Applied Sciences and Humanities, Prof. V.K. Singh appreciated the enthusiasm of the participants and encouraged them to continue exploring the applications of mathematics.He said that the main objective behind this competition is to make students aware of the importance of mathematics for the development of humanity.We cannot ignore the fact that such initiatives are necessary to inspire, motivate and develop a positive attitude towards learning mathematics among the young generation of the country.
Winners of various competitions with the Director of the Institute.