देश में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के नरकोटा खांकरा 2 किमी के मेन टनल का फर्स्ट ब्रेक का आज शुभारम्भ हो गया है | रविवार को ग्रामीणों के विरोध के चलते ब्रेक थ्रू नहीं हो पाया था और सोमवार सुबह आरवीएनएल और मैक्स कंपनी के अधिकारियों ने मेन टनल का फर्स्ट ब्रेक थ्रू कर दिया |
जिसके बाद अधिकारियों और कर्मचारियों ने मजदूरों के साथ टनल के भीतर जश्न मनाया |
दरअसल आपको बता दें कि रविवार को ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन पर नरकोटा से खांकरा के बीच दो किमी मेन टनल का ब्रेक थ्रू होना था परन्तु ग्रामीणों के विरोध के चलते ब्रेक थ्रू नहीं हो पाया था |
![](https://abhinews.co.in/wp-content/uploads/2022/10/WhatsApp-Image-2022-10-12-at-22.35.26.jpeg)
ग्रामीण सुबह से ही टनल के मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए थे और ग्रामीणों ने यह यह आरोप लगाया था कि ब्लाॅस्टिंग के चलते उनके मकान जर्जर हो चुके हैं और यहां उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा है |
फिर ग्रामीणों को समझाने के लिये आरवीएनएल के अधिकारी और प्रशासन की टीम भी पहुंची परन्तु यहां ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे | आज सुबह ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन पर नरकोटा से खांकरा के बीच दो किमी लंबी मेन टनल का फर्स्ट ब्रेक थ्रू किया गया |
![](https://abhinews.co.in/wp-content/uploads/2022/10/WhatsApp-Image-2022-10-12-at-22.35.27.jpeg)
सूचना के लिए आपको यह भी बता दे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन में पैकेज के पोर्टल में पहली मुख्य टनल का ब्रेक थ्रू किया गया और यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है |
क्योंकि पूरी परियोजना में यह पहली मुख्य टनल है जिसका निर्माण कार्य सबसे पहले और इतनी जल्दी पूरा किया गया है | यहां पर 500 से अधिक कर्मचारी एवं मजदूर कार्यरत हैं, जो दिन-रात इस कार्य को कर रहे हैं |
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के 125 किमी के 7 किमी के दायरे में काम कर रही मैक्स कम्पनी ने मेन टनल का ब्रेक थ्रू कर टनल को आर पार किया और टनल का ब्रेक थ्रू होने पर नरकोटा और खांकरा टनल पर कार्य कर रही मैक्स कम्पनी के कर्मचारियों ने इस अवसर पर जश्न मनाया |
![](https://abhinews.co.in/wp-content/uploads/2022/10/WhatsApp-Image-2022-10-12-at-22.35.26-1.jpeg)
यह रेल परियोजना में पहली मुख्य टनल है, जिसका ब्रेक थ्रू हुआ |
यह पहला ब्रेक थ्रू पूरी रेल परियोजना के अंतर्गत आज नरकोटा खांकरा के बीच पूर्ण हुआ है और उन्होंने कहा कि मैक्स कम्पनी के पांच सौ से अधिक इंजीनियर, एक्सपर्ट और वर्करों की मेहनत से यह काम संभव हो पाया है |
उनकी पूरी टीम ने रात दिन मेहनत कर बेहद कम समय में इस लक्ष्य को पूरा किया है जो कि बेहद ही महत्वपूर्ण है |