दिल्ली में आयोजित इंडो-अफ्रीका स्कॉलरशिप घोषणा एवं अकादमिक उपलब्धि पुरस्कार समारोह के दौरान, संस्कृति विश्वविद्यालय ने अफ्रीकी छात्रों के लिए 500 छात्रवृत्तियों की घोषणा की। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में ग्लोबल साउथ एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के अधिकारी, अफ्रीकी देशों के राजनयिक और अनेक शिक्षाविद उपस्थित रहे।
संस्कृति विश्वविद्यालय की ओर से प्रोफेसर रतीश कुमार, प्रमुख (वैश्विक साझेदारी) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘इंडिया-अफ्रीका साझेदारी’ पहल को आगे बढ़ाते हुए संस्कृति विश्वविद्यालय इस छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से भारत-अफ्रीका संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास कर रहा है। शिक्षा, सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से हम मिलकर एक उज्जवल भविष्य की नींव रख सकते हैं। ग्लोबल साउथ एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के भारत प्रमुख संजीव सेठ ने कहा कि भारत और अफ्रीका के बीच शैक्षणिक सहयोग वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को सशक्त बना सकता है। संस्कृति विश्वविद्यालय की यह पहल न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणास्रोत भी है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी संस्कृति विश्वविद्यालय की इस ऐतिहासिक घोषणा की प्रशंसा करते हुए कहा, “संस्कृति विश्वविद्यालय का यह कदम भारत और अफ्रीकी देशों के बीच शैक्षणिक और सांस्कृतिक पुल को मजबूत करेगा। हम विश्वविद्यालय की इस प्रतिबद्धता का हार्दिक स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि यह पहल दोनों क्षेत्रों के युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगी। इस मौके पर ग्लोबल साउथ एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज की ओर से संस्कृति विवि के प्रो. रतीश कुमार प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस आयोजन ने भारत और अफ्रीकी देशों के बीच बढ़ते सहयोग की एक सशक्त झलक प्रस्तुत की, जिसमें शिक्षा के माध्यम से वैश्विक दक्षिण के भविष्य को आकार देने की परिकल्पना स्पष्ट रूप से दिखाई दी।
