उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय सामान्य निर्वाचन 2023. चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सभी 18 नगर निगमों सहित नगर पालिकाओ और नगर पंचायतों में अधिकांश में विजय प्राप्त की है। सिर्फ कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में ही सपा-बसपा कांग्रेस पार्टी आदि विपक्षी दलों से ‘छोटी सरकार’ में काबिज होने में सफलता हाथ लगी है मथुरा जनपड में भी मथुरा वृंदावन नगर निगम व कोसीकला नगर पालिका एवं 1 नगर पंचायतों भी कमोबेश कुछ ऐसे ही परिणाम सामने आए हैं। नया नियम 2017 में नगर निगम के गठन के पश्चात एक दूसरे के लिए हुए चुनाव में अन्य सभी राजनैतिक दलों पर भारी पड़ी है।
निगम महापौर में भारतीय जनता पार्टी ने बीजेपी के महानगर अध्यक्ष विनोद अग्रवाल विजयी हुए हैं। इनके अलावा निगम के 70 वार्डो से अधिक पार्षद इन्ही के है। इनके अलावा विजय हुए निर्दलीय पार्षद में से भी अनेक के भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता
कुल मिलाकर कहना यही है कि इस प्रकार की स्थिति में जहाँ भापमानीत सडम हो प्रत्यक्ष रूम में किसी भी विपसी से रोई बड़ी युनौती मिलने की सम्भावना नहीं है। इसलिए ऐसे में निगम में हा प्रकार श् बहुमत पान के बाद जहाँ मापा अपना एजेण्डा लागू राने में शी तरह स्वतंत्र है तो उस पर निगम क्षेत्र के दोनों शहरों व इमरी सीमाओं में शामिल किए दर्जनों गांवों में साफ-सफाई, पेनल, सीवा जलभराव खंगालियां, 2
बार्क आदि समस्याओं के निप्रकरण और पेय्पल, जनसुविधा पार्क आदि उपलब्ध कराने की महती भी विराम में मिली है। हम सब एक सच्चाई यह भी है कि पिछले तीन दशक से अधिक लंबेपालिका एवं नगर निगम के कार्यकाल मेंकेवल एक बार दीर्वाक (ध्यम छुडा उपाध्याय उर्फ बिड़) रा रामशत अपवाड स्वरूप (घंटे। इन सभी रामनाल रीफलताएंव विप्ल ताएं वर्तमान निगम को विरासत में मिली हैं। सबके अलावा भारतीय जनता
उल्लेखनीय हम पार्टी रे झनए निगम पर एक बडा दायित्व यमुना नदी प्रदूषणमुक्त कराने का दामित्वहं भी है। कि यो यहाँ हाचुनाव का पहला मुद्दा बनता है। सभी डल- प्रत्याशी अपने हर चुनाव अभियान की शुरूआत विद्यांत घाट पर यमुना पूजन कर यमुमा भैया से नरक पास से कराने की शपथ लेने के ाक करते रहे हैं, और उघड है आगे भी करते रहेंगे। लेकिन बिडम्बना यही है कि इन सबके बावजूर स्थिति में जिरावर परू डेखने को मिली है, परंतु कोई बदलाव नहीं हुआ। मुक्त
यह और बात है कि भाजपा के शीर्ष नेता एवं डेरा रे प्रधानमंत्री, मुवामंत्री योगी आदित्यनाथ सेलेका हर मंत्री और नेता 444
बालबार यमुना से प्रदूषण मुक्त करने वरा आश्वासन देते हैं हैं। उनके सभी आश्वासन असल में निश्री हैं। क्योंकि, जितना नगर निगम अपने नगर निगम की अपने दायित्व पूरे राजे पा स्तर से इंडेङ क्यों के विरूपाउन में व इषित पल-भल के निस्तारण में सफल होता, यमुना शुद्धीकरण अभियान से सफलता भी उतनी ही उस पर निर्भर करेगी। सफलत
इसलिए किमी भी निकाय की सफलता को उसके नेताओं की लोकप्रियता बनाए रखने में इस नियम का बहुत बड़ा हाथ होगा । आगामी वर्षीयों होने वाले लोकसभा चुनाव ऐपूर्व निगम के तकरीबन एक वर्ष के समात में भागमा और दुरखार में बैठे उसके नेता इस गम करो से जाया नहीं होने दे चाहेंगे।
अब तो शहा (प्रश, व शावन) में बनाने के – तुन्द्रों के आतंक व ट्रैफिक की समस्या भी विकालता की ओर हैं। जिनके राज5
मथुरा-वृन्दावन की छवि उत्तर प्रदेश वडेशही का विदेशों में भी नकारात्मक प्रभाव छोड़नी हैं। आबादी वाले क्षेत्रों में ग्राम-मस-बगी आणि दुधारू पशुओं री उपस्थिति और गंदगी रोकई गुना तक बढ़ा देने वाले सूआ व मुर्गियों को शहरी क्षेत्र से बाहा बाना एक बड़ी चुनौती है।
शहदी क्षेत्र में एक और ऐकी समस्या छिछले कुछ दशकों से मुंह बार बड़ी है जिस पर इसी की ईमानदारी से कियार ही नहीं किया गया। बल्कि, शधी मतदाताओं में खादी एपद्मान रखने वाली भाजपा ने व्यापारिकापारीवर्ग रो छेड़ना भी उचित नहीं समझा। जबकि, एक बड़ी सचाई यह भी है यमुना प्रदूषण कमाने में सहायक जलरों की नियुक्ति में भी धनी आबाड़ी के बीच घर-घर में लगे वाईबेटाई (चाँडी सफाई व चमकाने वाले मंग) या बड़ा हाथ रहा है। इनका नियंत्रण में औद्योगिक क्षेत्र में विद्यापन कराया जाना एक बड़ा मुद्दा है 6
ध्यान रहे कि अपने पिछले कार्यकाल से लेका अब तक दुर्जनों का बुजभूमि में पधारना बजवासियों से उतरी हर समस्या से निजात दिलाने 21 आश्वासन देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ट्रैफिर और कानून कावस्था दुरुस्त कावे रे लिए की गई करोड़ों रूपयों की की गई इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ट्रोल सेण्टय (अहमीतीती योजना भी धूल पीक रही है। शहर के किसी भी चौराहे या ट्रैफिक लाइटें सी एकदिनमी बमेली प्रका से रामनहीं का पाई है। जिसके चलते रानून व्यवस्था में सुधा की 4SS मिलना तो पुलि नहीं संभाल पाती। स्मार्ट सिटी, अमृत, पर्यटन विकास पैकी ल्यास योजनाओं की सफलता भी निगम कार्यप्रणाली पर टिकी है