जी.एल. बजाज में हुई करिअर इंजीनियरिंग पर कार्यशाला
मथुरा। इंजीनियर किसी भी प्रोडक्शन के रीढ़ की हड्डी होता है। इंजीनियरिंग के कई विभाग होते हैं, हर विभाग के अलग-अलग कार्य होने के साथ ही प्रोडक्शन में इनका अलग-अलग रोल होता है। एक सफल इंजीनियर बनने के लिए जरूरी है कि हम अपने काम के प्रति शत-प्रतिशत समर्पित हों। उक्त सारगर्भित उद्गार जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा द्वारा आयोजित करिअर इंजीनियरिंग कार्यशाला में राधाकांत जायसवाल निदेशक अक्षय माइंड प्रा.लि. ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
इंजीनियरिंग में अपने काम के प्रति शत-प्रतिशत समर्पण जरूरी
कार्यशाला का शुभारम्भ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यशाला की रूपरेखा पर बीटेक (सीएसई) की छात्राओं अपर्णा पांडेय और मनीषा शर्मा ने प्रकाश डाला। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए निदेशक अक्षय माइंड प्रा.लि. राधाकांत जायसवाल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि एक समूह में हम बड़े से बड़े काम को आसानी से कर सकते हैं क्योंकि किसी भी कार्य की सफलता के लिए एक-दूसरे का परस्पर सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने इसके लिए छात्र-छात्राओं को कछुआ, चूहा और कौए पर आधारित एक कहानी भी सुनाई।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि इंजीनियरिंग कोई विषय नहीं है। आप अपनी कठिनाइयों को ढूंढ़ो और स्वयं उसका हल निकालो। इंजीनियरिंग के छात्र को जागरूक होकर अपने फील्ड की तैयारी करनी चाहिए। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में रोजगार की कमी नहीं है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में मेक इन इंडिया ठीक है लेकिन हमें आवश्यकता है मेड बाय इंडिया पर जोर देने की।