जाने “भटका मुसाफिर” किताब के लेखक अंकित मौर्य के बारे में
साहित्य और कला में यात्रा का स्थान एक अलग ही पहचान कायम किये बैठा है। इसी तरह अब नयी युवा पीढ़ी में यात्रा करना एक ट्रेंड बन चुका है। मगर इसमें भी सोलो ट्रावेलिंग करना एक अलग ही एहसास और साहस को कायम रखता है। उत्तर प्रदेश के मुल प्रतापगढ सिटी के एवं हाल स्थायी अहमदाबाद के अंकित मौर्य फिलहाल सोशल मीडिया व युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं, अपनी पहली किताब “भटका मुसाफिर” को लेके।
अंकित मौर्य इंजीनियर है और एवं एकल यात्री है। लेखन व यात्रा के क्षेत्र में उन्हें शुरू से ही बहोत रुची थी। अपनी अकेली यात्रा के अनुभवों व समन्वयो को जोड़कर उन्होंने एक यात्रा वृत्तांत लिखा जिसका नाम “भटका मुसाफिर” रखा। भटका मुसाफिर किताब विशेषतः प्रतियोगि छात्रों व युवाओं को काफी पसंद आ रही है।
सामाजिक शिक्षा कल्याण एवं दायित्वों को देखते हुए एवं किताब के द्वारा उठाये जानेवाले बदलाव की पहल को देखते हुए अंकित मौर्य को सितंबर -2022 में राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से भी नवाजा गया। अंकित की यह किताब देश के विविध क्षेत्रों के युवाओं को काफी पसंद आ रही है। देश के विभिन्न क्षेत्रों के अख़बारों व साहित्य, राजनीति और शिक्षा से जुड़े लोगों ने अंकित के इस प्रयास की तहे दिल से सराहना की और यह सिलसिला जारी ही है।
हमारे आसपास इस तरह के युवाओं का होना जो अपने प्रयासों से समाज में एक नया आयाम देने की कोशिश कर रहे हैं यह एक गर्व की बात है। किताब एमेजॉन एवं फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है। आशा है की यह युवा लेखक इसी तरह अपने कार्य व प्रयास के माध्यम से युवाओं के जीवन में बदलाव व साहित्य में अपना योगदान देते रहेंगे।
लेखक को शुभकामनाएं!!