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Thursday, September 19, 2024

भारत में वर्ष 2030 तक ड्रोन लगायेगा एक अरब पेड़

भारत में वर्ष 2030 तक ड्रोन लगायेगा एक अरब पेड़

भारत में वर्ष 2030 तक ड्रोन लगायेगा एक अरब पेड़: अब ड्रोन की माध्यम से बीज बिखेर कर नए जंगल उगाये जाने को लेकर भारत में कार्य शुरू हो गया है ।

भारत में वर्ष 2030 तक ड्रोन लगायेगा एक अरब पेड़
भारत में वर्ष 2030 तक ड्रोन लगायेगा एक अरब पेड़

ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण की तमाम समस्याओं के चलते संपूर्ण विश्व और प्रत्येक राष्ट्र अपने पर्यावरणीय मुद्दों को हल करने में लगा है जिसमें अहम भूमिका है पेड़ों की संख्या और जंगलों का स्वस्थ होना जिसके चलते भारत में एक अनोखी और नई पहल शुरू हुई है।

जंगल की वह भूमि जहां पर इंसान का पहुंचना लगभग नामुमकिन या कठिन है। उन इलाकों में अब ड्रोन की माध्यम से बीज बिखेर कर नए जंगल उगाये जाने को लेकर भारत में कार्य शुरू हो गया है ।

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जाने विस्तारपूर्वक कैसे भारत में वर्ष 2030 तक ड्रोन लगायेगा एक अरब पेड़:-

मारुत ड्रोन नाम की कंपनी के द्वारा एक विशेष तरह का सीड कॉप्टर जॉन बनाया गया है जो कि एक विशेष तरह की एल्गोरिथम और सॉफ्टवेयर प्रणाली पर काम करता है | इस कंपनी के लक्ष्य के अनुसार भारत में वर्ष 2030 तक ड्रोन लगायेगा एक अरब पेड़ |

तेलंगाना, राजस्थान जैसे राज्यों में सिड कॉप्टर ने बीज बिखेरने का काम किया है। सीड-कॉप्टर ड्रोन प्रत्येक दिन में 10 हेक्टेयर से भी ज्यादा जमीन पर 10 किलो सीड बॉल बिखेर सकता है |

इस लेकर मारुत ड्रोन कंपनी के सह संस्थापक सूरज पेड्डी जानकारी देते हुए बताते हैं कि भारत का भूगोल और भू-भाग बहुत मात्रा में विविधता रखता है |राजस्थान, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल जैसे क्षेत्रों में नजर डालने पर पता लगता है कि यहां के विभागों में आपस में कितनी विविधताये पाई जाती हैं लेकिन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पौधों का एक खास डेटाबेस तैयार किया जाता है और उस तैयार डेटाबेस के माध्यम से अधिकतम पर्यावरणीय मापदंड तैयार किए जाते हैं जिससे कि पौधा अच्छे वातावरण के अनुसार अपनी वृद्धि कर सके |

रीड कॉप्टर ड्रोन जमीन में बीज की उपयोगिता के अनुसार चुन-चुन कर जमीन खोजता है और बीज बिखेरता है । कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की एल्गोरिथम पर आधारित इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से समय की बचत के साथ पेड़ रोपने जैसे एक बड़े लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है। हालांकि पेड़ को बड़ा होने में 40 से 50 वर्ष का समय लगता है लेकिन फिर भी इस प्रकार कंप्यूटर और तकनीकी सहायता से पर्यावरण के हित में की जा रही इस कोशिश से भारत को जंगलों की हरितमा बढ़ाने का स्मार्ट अवसर मिल सकता है |

(रिपोर्ट:तरूण शर्मा)

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