भगवान बांके बिहारी हैं बाल स्वरूप में,भक्त करते हैं बच्चे की तरह सेवा
मथुरा अभी न्यूज़ ( पवन शर्मा ) वृंदावन में स्थित विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र हैं। भगवान बांके बिहारी के बारे में कहा जाता है कि वह अपने भक्तों को बाल स्वरूप यानी बच्चे के स्वरूप में दर्शन देते हैं। यही वजह है कि भक्त भी उनकी बच्चे की तरह ही सेवा करते हैं।
वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर इन दिनों चर्चाओं में है इसकी वजह है मंदिर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए समय बढ़ाने को लेकर दिया आदेश। मंदिर रिसीवर और सिविल जज जूनियर डिवीजन के द्वारा दिए गए आदेश के बाद अधिवक्ता दीपक शर्मा ने न्यायालय में वाद दाखिल किया और कोर्ट से समय बढ़ाने को लेकर दिए आदेश को निरस्त करने की यह कहते हुए मांग की कि भगवान बांके बिहारी बाल स्वरूप में हैं। इसके बाद अभी न्यूज की टीम बांके बिहारी मंदिर पहुंची और मंदिर के पुजारी और भक्तों से उनके स्वरूप को लेकर जानकारी की। मंदिर में पहुंच कर देखा कि जब आरती चल रही थी तब वहां न घंटे बज रहे थे न किसी तरह का शोर। जानकारी करने पर पता चला कि भगवान बांके बिहारी की आरती इसी तरह की जाती है। मंदिर के पुजारी ज्ञानेंद्र गोस्वामी ने बताया कि भगवान बांके बिहारी 7 वर्ष की अवस्था में हैं जिस तरह घर पर बच्चे को रखते हैं उसी तरह यहां भगवान की सेवा की जाती है। जिसे लोग आरती कहते हैं वह आरती नहीं बल्कि उनकी नजर उतारी जाती है।