राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर बी.एस.ए. कॉलेज, मथुरा में एक दिवसीय विज्ञान कार्यशाला एवं विज्ञान प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विज्ञान के प्रति छात्रों की रुचि और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक प्रेरणादायक वक्तव्य दिए गए।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि समाजसेवी महेश बंसल (अग्रवाल शिक्षा मंडल), मुख्य वक्ता डॉ. सत्यमित्र (पूर्व निदेशक, उ.प्र. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग), महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ललित मोहन शर्मा, कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर डॉ. एस. के. कटारिया एवं कन्वेनर डॉ. रवीश शर्मा द्वारा मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
मुख्य वक्ता डॉ. सत्यमित्र जी ने कहा “विज्ञान का असली उद्देश्य मानवता की सेवा करना है। चिकित्सा विज्ञान हो, अंतरिक्ष अनुसंधान हो, या फिर ऊर्जा के नवीन स्रोत हर क्षेत्र में विज्ञान ने क्रांति लाई है। विज्ञान को केवल किताबों तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।”
प्राचार्य डॉ. ललित मोहन शर्मा ने कहा “छात्रों को प्रयोगशील बनना चाहिए। विज्ञान केवल तथ्यों का संग्रह नहीं, बल्कि खोज और नवाचार की यात्रा है। यह प्रदर्शनी हमें दिखाती है कि हमारे छात्र नए आविष्कारों और वैज्ञानिक सोच की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. एस. के. कटारिया ने कहा”विज्ञान हमें अंधविश्वासों से दूर ले जाता है और तर्क पर आधारित समाज की नींव रखता है। इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों को प्रेरित करते हैं कि वे विज्ञान में नई खोजें करें और समाज के विकास में योगदान दें।”
कन्वेनर डॉ. रवीश शर्मा ने कहा
“राष्ट्रीय विज्ञान दिवस केवल विज्ञान की उपलब्धियों को याद करने का दिन नहीं है, बल्कि यह एक संकल्प का दिन है कि हम नई सोच, नए अनुसंधान और नए आविष्कारों की ओर बढ़ें। विद्यार्थियों की जिज्ञासा ही कल के वैज्ञानिक आविष्कारों का आधार बनेगी।”
छात्राओं ने विज्ञान प्रदर्शनी में अपने-अपने मॉडल प्रस्तुत कर विज्ञान के प्रति अपनी सोच को रचनात्मक रूप में व्यक्त किया। रोबोटिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण, रमन प्रभाव और चिकित्सा विज्ञान से जुड़े प्रोजेक्ट्स ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन बी. के. गोस्वामी द्वारा किया गया। समापन समारोह में प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
बी.एस.ए. कॉलेज में आयोजित इस राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह ने छात्रों को विज्ञान के प्रति और अधिक जिज्ञासु एवं प्रेरित किया। विज्ञान प्रदर्शनी में प्रस्तुत नवाचारों ने यह सिद्ध किया कि भारत का भविष्य विज्ञान और शोध की दिशा में उज्ज्वल है।बी.एस.ए. कॉलेज में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भव्य कार्यशाला एवं विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन
मथुरा, 28 फरवरी: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर बी.एस.ए. कॉलेज, मथुरा में एक दिवसीय विज्ञान कार्यशाला एवं विज्ञान प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विज्ञान के प्रति छात्रों की रुचि और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक प्रेरणादायक वक्तव्य दिए गए।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि समाजसेवी महेश बंसल (अग्रवाल शिक्षा मंडल), मुख्य वक्ता डॉ. सत्यमित्र (पूर्व निदेशक, उ.प्र. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग), महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ललित मोहन शर्मा, कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर डॉ. एस. के. कटारिया एवं कन्वेनर डॉ. रवीश शर्मा द्वारा मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
मुख्य वक्ता डॉ. सत्यमित्र जी ने कहा “विज्ञान का असली उद्देश्य मानवता की सेवा करना है। चिकित्सा विज्ञान हो, अंतरिक्ष अनुसंधान हो, या फिर ऊर्जा के नवीन स्रोत हर क्षेत्र में विज्ञान ने क्रांति लाई है। विज्ञान को केवल किताबों तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।”
प्राचार्य डॉ. ललित मोहन शर्मा ने कहा “छात्रों को प्रयोगशील बनना चाहिए। विज्ञान केवल तथ्यों का संग्रह नहीं, बल्कि खोज और नवाचार की यात्रा है। यह प्रदर्शनी हमें दिखाती है कि हमारे छात्र नए आविष्कारों और वैज्ञानिक सोच की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. एस. के. कटारिया ने कहा”विज्ञान हमें अंधविश्वासों से दूर ले जाता है और तर्क पर आधारित समाज की नींव रखता है। इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों को प्रेरित करते हैं कि वे विज्ञान में नई खोजें करें और समाज के विकास में योगदान दें।”
कन्वेनर डॉ. रवीश शर्मा ने कहा
“राष्ट्रीय विज्ञान दिवस केवल विज्ञान की उपलब्धियों को याद करने का दिन नहीं है, बल्कि यह एक संकल्प का दिन है कि हम नई सोच, नए अनुसंधान और नए आविष्कारों की ओर बढ़ें। विद्यार्थियों की जिज्ञासा ही कल के वैज्ञानिक आविष्कारों का आधार बनेगी।”
छात्राओं ने विज्ञान प्रदर्शनी में अपने-अपने मॉडल प्रस्तुत कर विज्ञान के प्रति अपनी सोच को रचनात्मक रूप में व्यक्त किया। रोबोटिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण, रमन प्रभाव और चिकित्सा विज्ञान से जुड़े प्रोजेक्ट्स ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन बी. के. गोस्वामी द्वारा किया गया। समापन समारोह में प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
बी.एस.ए. कॉलेज में आयोजित इस राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह ने छात्रों को विज्ञान के प्रति और अधिक जिज्ञासु एवं प्रेरित किया। विज्ञान प्रदर्शनी में प्रस्तुत नवाचारों ने यह सिद्ध किया कि भारत का भविष्य विज्ञान और शोध की दिशा में उज्ज्वल है।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्रोफेसर व कर्मचारीगण उपस्थित रहे इसमें मुख्य रूप से डॉ खुशवंत सिंह,डॉ विद्योत्मा सिंह , डॉ यू के त्रिपाठी,डॉ प्रवीण शर्मा,डॉ संध्या अग्रवाल,डॉ तरुणा मोहिनानी, डॉ काशदेव , डॉ रुद्राक्ष, डॉ शांतनु, डॉ संदीप , डॉ वारिश, डॉ रुचि अग्रवाल ,डॉ अनु गर्ग ,डॉ एस एस सिंह ,डॉ भावना सिंह ,डॉ चंद्रेश अग्रवाल , डॉ पंकज पाठक, डॉ अभिषेक सिंह,रोहित अग्रवाल, चंद्रप्रकाश,गोविंद ,गीतम सिंह,आदि उपस्थित थे।
