33.3 C
Mathura
Saturday, April 12, 2025

राजीव इंटरनेशनल स्कूल में हर्षोल्लास से मना बाल दिवस

राजीव इंटरनेशनल स्कूल में हर्षोल्लास से मना बाल दिवस

छात्र-छात्राओं ने स्टॉलें लगाईं, प्रस्तुत किए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम

राजीव इंटरनेशनल स्कूल में हर्षोल्लास से मना बाल दिवस
राजीव इंटरनेशनल स्कूल में हर्षोल्लास से मना बाल दिवस

मथुरा। सोमवार को राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने हर्षोल्लास के साथ देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती बाल दिवस के रूप में मनाई। इस अवसर पर जहां बाल मेले का आयोजन किया गया वहीं छात्र-छात्राओं ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच अपनी प्रतिभा व कौशल का प्रदर्शन किया। बच्चों द्वारा विविध कार्यक्रमों के माध्यम से चाचा नेहरू के कृतित्व और व्यक्तित्व पर भी प्रकाश डाला गया।

पैसा बचाओ, पैसा बचाओ! दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स  जेफ बेजोस क्यों कर रहे हैं बार-बार ऐलान…

सोमवार सुबह से ही राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राएं मौज मस्ती के बीच चाचा नेहरू को याद करते देखे गए। बच्चों ने जहां नयनाभिराम कार्यक्रम पेश किए वहीं तरह-तरह की स्टॉलें सजाकर बाल मेले (कार्निवाल) की गरिमा को चार चांद लगा दिए। शिक्षकों और अभिभावकों ने बच्चों द्वारा लगाई गई स्टॉलों में चटपटी चाट, चाय-कॉफी तथा अन्य लजीज पकवानों का स्वाद चखा।

इस कार्निवाल में सामाजिक विज्ञान की शिक्षकों सुदीप्ता, अनीता, गीता, रचना के नेतृत्व में कक्षा 6 से 8 तक के छात्र-छात्राओं द्वारा लगाई गई विज्ञान प्रदर्शनी सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। इस प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न मॉडलों के माध्यम से भारत की प्राचीन विरासत को दर्शाया गया। प्रदर्शनी में सांची के स्तूप, विजय स्तम्भ, 1857 की क्रांति, विक्टोरिया मेमोरियल स्वर्ण मंदिर आकर्षण का केन्द्र रहे।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को बाल दिवस की बधाई देते हुए उनके द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी की प्रशंसा की। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि छात्र-छात्राओं को अपने महापुरुषों का न केवल स्मरण करना चाहिए बल्कि उनके कृतित्व का भी पालन करना चाहिए।

संस्थान के प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं इसीलिए चाचा नेहरू उनसे प्यार करते थे। श्री अग्रवाल ने कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसके बच्चे ही होते हैं। यदि बच्चों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे देश के विकास में अपना योगदान नहीं दे सकेंगे लिहाजा हमारे समाज को बच्चों की शिक्षा और उनके अधिकारों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

Latest Posts

संस्कृति विवि में रिमोट सेंसिंग डाटा पर हुई महत्वपूर्ण वेबिनार

संस्कृति स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलाजी द्वारा रिमोट सेंसिंग डाटा पर दो दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार द्वारा प्रतिभागियों को...

संस्कृति विश्वविद्यालय अफ्रीकी विद्यार्थियों को देगा 500 छात्रवृत्तियां

दिल्ली में आयोजित इंडो-अफ्रीका स्कॉलरशिप घोषणा एवं अकादमिक उपलब्धि पुरस्कार समारोह के दौरान, संस्कृति विश्वविद्यालय ने अफ्रीकी छात्रों के लिए 500 छात्रवृत्तियों की घोषणा...

संस्कृति विवि ने रूस की लॉ युनिवर्सिटी से किया करार, खुलेंगे नए द्वार

Sanskriti University signed an agreement with the Law University of Russia, new doors will open संस्कृति विश्वविद्यालय और कुताफिन मॉस्को स्टेट लॉ यूनिवर्सिटी (एमएसएएल), रूस...

संस्कृति विश्वविद्यालय को मिला पेटेंट दाखिल करने में 8वां स्थान

Sanskriti University got 8th place in filing patents संस्कृति विश्वविद्यालय ने एक और कीर्तिमान हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। केंद्रीय...

संस्कृति विवि के मंच पर बिखरा पलक मुच्छल का जादू

The magic of Palak Muchhal spread on the stage of Sanskriti University संस्कृति विश्वविद्यालय स्पार्क 2025 के दूसरे दिन मुख्य मैदान में सजे मंच...

Related Articles