खेल वाइफ स्वैपिंग का: जाने कान्हा नगरी में चल रहे इस घिनौने कृत्य के बारे में
हाल ही के समय में मध्यप्रदेश की एक 21 वर्षीय विवाहिता युवती द्वारा अपने पति पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि वो उसे “वाइफ स्वैपिंग” (पत्नी की अदला-बदली) सम्बन्धित पार्टी में शामिल होने हेतु मजबूर करता है। पीड़िता के अनुसार उसका पति चाहता है कि वो पार्टी में शामिल होकर अन्य गैर मर्दों संग शरीरिक संबंध बनाए।
मप्र की राजधानी भोपाल में स्थित कोहेफिजा इलाके की इस 21 वर्षीय युवती का निकाह मोहम्मद अम्मार के संग में हुआ था। मोहम्मद अम्मार बीकानेर के एक पांच सितारा होटल में मैनेजर के पद पर कार्यरत है। निकाह हो जाने के बाद से वो बीकानेर में अपने पति संग रह रही थी।
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पीड़िता के आरोप के अनुसार उसका पति निकाह के कुछ दिन बाद से ही उस पर वाइफ स्वैपिंग पार्टी में शामिल होने और उसका हिस्सा बनने हेतु दबाव बनाने लगा। वो बड़ी मुश्किल से बीमारी का बहाना बनाकर अपने मायके भोपाल पहुंच सकी है।
पुलिस द्वारा धारा 377, 498 A, 323, 506, 34, 3/4 के अंतर्गत उसके पति पर FIR दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी हेतु प्रयास शुरू कर दिए हैं।
मध्यप्रदेश न तो अकेला ऐसा राज्य है और न ही बीकानेर एकमात्र ऐसी जगह जहां वाइफ स्वैपिंग से जुड़ा ये घिनौना खेल चल रहा है। असल मे मेट्रो सिटीज दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता, चेन्नई समेत देश के तमाम कई छोटे शहर भी अब इस खेल की गिरफ्त में जा चुके हैं।
यूं तो दूसरे कई शहरों के मुकाबले तरक्की की दौड़ में विश्व में विख्यात धार्मिक शहर मथुरा भी बेशक बहुत पिछड़ा हुआ सा प्रतीत होता हो, बेशक यहां आज भी तरक्की को परिभाषित करने से जुड़ी अनेक सुविधाओं का अभाव हो, बेशक देश-दुनिया संग तरक्की हेतु कदम ताल मिलाने में इसे लंबा समय लगे, लेकिन असलियत में ये नगरी इस समय इस मामले में बहुत से नगरों एवं महानगरों से बहुत ज्यादा आगे है।
जी हां! चाहे आप आसानी से यकीन करे ना करे आपका मुंह आश्चर्य से एकबार को खुले का खुला रह जाए लेकिन असलियत में विश्व की धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं साहित्यिक विरासत को दरकिनार करते हुए ये शहर उस दिशा में करवट लेता जा रहा है जिसके बारे में सोचना तक किसी आम आदमी हेतु महापाप से कम नहीं होगा ।
“वाइफ स्वैपिंग” या “कपल स्वैपिंग” के नाम से पुकारे जाने वाले इस खेल में ज्यादातर पैसे वाले परिवारों से सम्बन्धित लोग कम से कम छ: कपल का एक ग्रुप बनाकर वाइफ स्वैपिंग सम्बन्धित इस घिनौने कृत्य को अंजाम देता है। वाइफ स्वैपिंग के अंतर्गत न्यूड और सेमी न्यूड ग्रुप डांस से लेकर ग्रुप सेक्स से जुड़ी कई तरह की घिनौने कृत्य शामिल होते है।
इसके लिए सबकी सहमति के बाद शहर के किसी बाहरी हिस्से में अच्छे होटल का हॉल और कमरे बुक कराये जाते हैं, जहां ग्रुप से जुड़े सदस्य कपल पूर्व निर्धारित दिन और समय पर अपनी-अपनी गाड़ियों से पहुंच जाते हैं। इस खेल में शामिल होने हेतु जितना आवश्यक है एक अदद कपल का होना, उतना ही आवश्यक है एक गाड़ी का होना। खेल की शुरूआत ड्रिंक या ड्रग्स से की जाती है, और उसके बाद जैसे-जैसे सुरूर चढ़ता है, खेल से जुड़ी शुरूआत होने लगती है |
खेल की शुरूआत हेतु ग्रुप के सभी सदस्य हॉल की बत्तियां बुझाकर एक टेबिल पर अपनी-अपनी गाड़ियों की चाभियां रखते हैं और फिर अंधेरे में ही ग्रुप से जुड़े पुरुष सदस्य किसी भी एक गाड़ी की चाभी को उठाते हैं। जिसके हाथ में जिसकी गाड़ी की चाभी आ जाती है, वो उस सदस्य की बीबी संग खेल खेलने हेतु अधिकृत हो जाता है। ठीक इसी प्रकार उसकी बीबी संग वो सदस्य खेल खेलने का अधिकारी हो जाता है जिसकी चाभी उसके हाथ में लगी हो ।
चाभियों की अदला-बदली संग ये सदस्य अपने पार्टनर को होटल में ही पहले से बुक्ड कमरों में लेकर चले जाते हैं और फिर उन कमरों में स्वछंद सेक्स से जुड़ा ये खेल शुरू हो जाता है।
इससे भी आगे इस खेल के अंतर्गत कुछ लोग हॉल के अंदर ही एक-दूसरे की पत्नियों के संग सब-कुछ करने को आजाद होते हैं जबकि कुछ लोग दो-दो और तीन-तीन की संख्या के अंदर ग्रुप सेक्स जैसी गतिविधि को अंजाम देते है ।
जाहिर है कि इस सारे खेल से जुड़ा राजदार और हिस्सेदार वो होटल मालिक भी होता है जिसके होटल में ये खेल खेला जाता है। उसे इसके अंतर्गत अच्छी-खासी रकम मिलती है, वो भी अलग से।
चूंकि इस खेल से जुड़े परिणाम स्वरूप एचआईवी एड्स तथा आज के दौर से जुड़ी दूसरी संक्रामक बीमारियां भी तोहफे में मिलने की पूरी संभावना रहती है इसलिए इसके परिणाम तो किसी न किसी स्तर पर जाकर घातक होने की पूरी संभावना हैं। ऐसी परिस्तिथि के दौरान पति-पत्नी एक-दूसरे को दोषी ठहराने का प्रयास करते हैं जिसके फलस्वरूप गृहक्लेश बढ़ जाता है। रोज-रोज के गृहक्लेश का नतीजा फिर किसी अनहोनी के तौर पर सामने आ जाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार धार्मिक शहर मथुरा में यूं तो ये खेल की पिछले कई वर्षो से चल रहा है, लेकिन पिछले करीब पांच वर्षो के अंतराल में इसमें काफी तेजी आई है। पांच वर्षो के दौरान मथुरा के अंदर इस खेल से जुड़े कई ग्रुप बने हैं और इसी कारण कई सभ्रांत परिवारों में कई जवान संदिग्ध मौतें भी देखी गई हैं।
आज तक ऐसी किसी मौत का मामला पुलिस के पास न पहुंचने के कारण पुलिस ने उसमें कोई रुचि नहीं ली क्योंकि मामला पैसे वालों से भी जुड़ा होता है।
यही वजह है वाइफ स्वैपिंग से जुड़ा ये घिनौने कृत्य की कहानी इस धार्मिक नगरी में न केवल बदस्तूर जारी है अपितु दिन-प्रतिदिन परवान चढ़ती जा रही है।