देश के राज्य बिहार में सबसे धूमधाम से मनाए जाने वाले पर्व छठ की आज से शुरूआत हो गई है | सभी लोग इसकी तैयारियों में लग गए हैं और तमाम बिहारियों के बीच इस पर्व का बड़ा मान है |
क्यूंकि इंटरनैशनल लेवल पर अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुकीं एक्ट्रेस नीतू चंद्रा अपने भाई नितिन चंद्रा संग मिलकर पिछले सात साल से छठ पर्व के खास मौके पर अच्छी अच्छी म्यूजिक वीडियो बनाती आ रही हैं | अब इस साल भी नीतू ने सिंगर सुनिधी चौहान संग कोलैब्रेट कर एक बहुत ही इमोशनल गाना तैयार किया है और नीतू के अनुसार बिहारियों के लिए छठ एक इमोशन है जिसे बयां नहीं किया जा सकता है |
एक मीडिया रिपोर्ट में बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि पटना में मैं जॉइंट फैमिली के साथ रही हूं और आप यकीन मानें मेरे घर में कुल मिलाकर 32 लोग हुआ करते थे जिनमे दादी, चाची, मां, बुआ सभी मिलकर छठ पूजा किया करती थीं और दीवाली खत्म होते ही हम भाई-बहनों में इस फेस्टिवल को लेकर एक्साइटमेंट बढ़ जाता था |
32 लोगों का कार या छोटी गाड़ी से घाट जाना संभव नहीं था तो हमारे यहां ट्रक मंगवाया जाता था | जिसमें की हम सभी बच्चें, महिलाएं, अंकल बैठकर घाट जाते थे | इसमें भी मैं जिद किया करती थी कि मुझे ट्रक के ऊपर वाले साइड पर भाईयों के साथ बैठना है तो पापा और अंकल की मदद से मैं उनके साथ बैठती थी |
इसके अलावा नीतू बताती है की चार दिन के इस महापर्व में हमें दो दिन नदी किनारे घाट जाना होता था और शाम के अर्घ के दौरान हम सभी यूथ ज्यादातर ट्रेडिशनल ड्रेस पर होते थे |कह लें साड़ी, सूट पहनकर पूरी इंडियन अवतार में रेडी होते थें और वहीं अगली सुबह सभी ने जींस और जैकेट पहनना होता था |
अगली सुबह को ही हमारे बिहार में विंटर की शुरूआत माना जाता था और यह भी एक अलग तरह का मजा होता था |
अब मैं पिछले 17 सालों से मुंबई में रह रहीं हूँ और जब काम की वजह से पटना शहर छोड़ मुंबई आई तो यहां भी फेस्टिवल के दौरान होम सिक हो जाती थी लेकिन मेरी पूरी कोशिश यही रही कि मैं और भाई छठ के वक्त पटना में ही रहें | जब मैं इंटरनैशनल फिल्म की शूटिंग के सिलसिले से लंदन में थी तो वो पहली बार ऐसा मौका था जब वीडियो कॉल के जरिए छठ पूजा में शामिल हुई थी और उस दिन बहुत रोई थी |
पापा के डेथ के बाद मां की तबीयत भी ठीक नहीं रहती है तो हम बच्चों ने जिद कर उनसे छठ करने को मना किया है लेकिन मैं और मेरे भाई पहले अर्ध के दिन पटना कैसे भी पहुंच जाते हैं और घाट पर अपनी पहचान छिपाकर ठेकुआ मांग लेते हैं | यह करते वक्त काफी मजा भी आता है और हमने स्कार्फ या मास्क से अपना चेहरा छिपा लिया है और आम लोगों के बीच घाट में जाकर प्रसाद मांग रहे हैं | श्रद्धा के आगे आप इस तरह का पागलपन कर ही बैठते हैं |
इतनी बड़ी एक्टर्स द्वारा ऐसा सब करना अपनी संस्कृति और अपनी श्रद्धा को दर्शाता है और हमें भी इस चीज के लिए बढ़ावा देता है कि हम चाहे कुछ भी बन जाए लेकिन अपनी संस्कृति को ना भूलें क्योंकि उसमें जो मजा है वह और कहीं नहीं है और एक्टर्स नीतू भी लोगों को यही कहती है |