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Thursday, November 28, 2024

एक ही सवाल आखिर गुजरात मोरबी हादसे का ज़िम्मेदार कौन?

एक ही सवाल आखिर गुजरात मोरबी हादसे का ज़िम्मेदार कौन?

कल शाम गुजरात के मोरबी में हुआ एक बड़ा हादसा एक केबल पुल टूटने से अभीतक गई 141 लोगो की जान |

कल रविवार की शाम 6:30 पर गुजरात के मोरबी में मछु नदी पर बने केबल पुल के अचानक टूटकर गिर जाने के कारण एक भयंकर हादसा हुआ है जिसमे अभी तक 141 लोगो की जान चली गई है और लगभग 70 से ज्यादा लोग घायल बताये जा रहे है |

एक ही सवाल आखिर गुजरात मोरबी हादसे का ज़िम्मेदार कौन?
एक ही सवाल आखिर गुजरात मोरबी हादसे का ज़िम्मेदार कौन?

सूत्रों के अनुसार हादसे के समय पुल पर लगभग 400 से ज्यादा लोग मौजूद थे |हादसे वाली जगह पर इस समय अभी भी राहत और बचाव कार्य जारी है जिसमे तीनो सेना के जवान, गरुण कमांडो, NDRF. SDRF समेत वहां की लोकल पुलिस, अधिकारी और आसपास के स्थानीय निवासी भी अपना योगदान प्रदान कर रहे है |

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ये ऑपरेशन कल पूरी रात चला है जिसकी पूरी जानकारी प्राप्त करने हेतु स्वयं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल और उनके अन्य मंत्रीगण हादसे वाली जगह पर मौजूद रहे |प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी स्वयं इस हादसे से सम्बन्धित पल-पल की जानकारी अधिकारियो से प्राप्त कर रहे है और पीड़ितो को सभी प्रकार की आवश्यक सहायता पहुंचाने हेतु दिशा-निर्देश जारी कर चुके है |

इस बीच प्रधानमंत्री समेत कई विभिन्न पार्टियों के नेताओ द्वारा इस हादसे के शिकार लोगो के परिवारों के लिए अपनी सँवेदना व्यक्त की गई है |हादसे के शिकार लोगो के लिए केंद्रीय और राज्य सरकार द्वारा सहायता राशि घोषित कर दी गई है |

आखिर गुजरात मोरबी हादसे का ज़िम्मेदार कौन?

इन सब के बावजूद आखिर में ये सवाल जरुर उठता है कि आखिर इतने बड़े हादसे का जिम्मेदार कौन? हम आपको बता दे कि ये केबल पूल वर्ष 1880 में उस समय के रजवाडो द्वारा मछु नदी पर बनाया गया था | ये पुल 2 वर्ष पूर्व आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था |

7 माह पूर्व इस केबल पुल की मरम्मत की जिम्मा राज्य सरकार द्वारा 2 करोड़ के ठेके पर वहां की एक स्थनीय प्राइवेट कंपनी ओरेवा ग्रुप को दिया गया था |स्थानीय सूत्रों के अनुसार कंपनी ने इस पुल को 5 दिन पूर्व बगैर फिटनेस सर्टिफिकेट के 25 अक्टूबर को आम जनता के लिए खोल दिया था जिस पर कंपनी द्वारा 12 रूपए बच्चो के लिए और 17 रूपए बड़ो के लिए टिकट भी शुल्क के रूप में लिया जा रहा था |कंपनी द्वारा पुल बिलकुल मजबूत घोषित कर दिया गया था |

चश्मदिदो के अनुसार कल हादसे वाले दिन पुल पर क्षमता से ज्यादा भीड़ थी |
मात्र एक बार में 150 क्षमता वाले पुल पर 500 से ज्यादा लोग मौजूद थे |

इसमें ही हमारे कुछ सवाल छुपे है:-

1.आखिर इस पुल को बगैर फिटनेस सर्टिफिकेट के कंपनी द्वारा ऐसी लोगो की जान के साथ खिलवाड़ करने हेतु कैसे खोला गया?

2. क्या इस पुल की मरम्मत के दौरान किसी भी प्रशासनिक अधिकारी या आमजनमानस द्वारा मरम्मत में उपयोग की गई सामग्री की जांच नही की गई?

3. अगर ये पुल 5 दिन पूर्व लोगो के लिए कंपनी द्वारा खोल भी दिया गया तो स्थानीय निवासियों की शिकायत के बावजूद भी वहां के अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान कोई नहीं दिया ?

हालांकि सरकार की ओर से इस हादसे की जांच हेतु एक SIT टीम का गठन कर दिया गया है और कंपनी के उपर भी गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है लेकिन हमारा सवाल यहीं है कि आखिर देश में कबतक सरकारी अधिकारियों,आमजनमानस और कंपनी की घोर लापारवाही और मिलीभगत के कारण आम लोगो को अपने प्राण देकर कीमत चुकानी पड़ेगी |आखिर सरकार इस सम्बन्ध में कोई कठोर कानून देश में कब बनायेंगी |

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