इस वक्त रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दुनिया को पश्चिम की औपनिवेशिक नीति, भारत और अफ्रीका में लूटपाट, दास व्यापार औैर अमेरिका द्वारा परमाणु एवं रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के बारे में याद दिलाया है |उन्होंने इसके साथ ही पश्चिमी देशों की नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था पर जोर को ‘‘अव्वल दर्जे का धोखा’’ करार दिया और उनके ‘‘दोहरे मानक’’ की निंदा की है।
दरअसल आपको बता दे की पुतिन ने यह टिप्पणी क्रेमिलन के नजदीक सेंट जॉर्ज हॉल में दिए गए अपने भाषण में की | यहां उन्होंने भाषण में यूक्रेन के बागी चार क्षेत्रों लुहांस्क, दोनेत्स्क, खोरसोन और जापोरिज्ज्या में कथित जनमत संग्रह के कई दिनों बाद दिया है जिसे यूक्रेन और पश्चिमी देश खारिज कर चुके है |
इसके अलावा पुतिन ने कहा की हम सब सुन रहे हैं कि पश्चिम नियम आधारित व्यवस्था पर जोर दे रहा है |हालांकि यह भी कहां से आता है की किसी ने इन नियमों को कभी देखा है क्या और किसने इनपर सहमति जताई है |
यह पूरी तरह से बकवास, धोखेबाजी और दोहरा मानक है, यहां तक कि तिहरा मानक है और वे समझते हैं कि हम बेवकूफ हैं |इतना ही नहीं आपको बता दे की क्रेमलिन की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध भाषण के अंग्रेजी संस्करण के मुताबिक पुतिन ने कहा रूस और उसकी सभ्यता हजार साल से महान शक्ति है और यह अस्थायी, झूठे नियमों से नहीं बदलेगी |
पुतिन ने कहा कि पश्चिमी कुलीन यहां तक सभी के प्रति अपने ऐतिहासिक अपराध के प्रति ग्लानि को लेकर रुख बदल रहे हैं और उन देशों और अन्य लोगों से मांग कर रहे हैं कि वे गलती स्वीकार करें जिससे उनका कोई लेना देना ही नहीं है |
उन्होंने कहा की पश्चिम को याद दिलाना सार्थक है कि उसने मध्यकाल में औपनिवेशिक नीति की शुरुआत की, जिसके बाद दास कारोबार किया | अमेरिका के मूल निवासियों का जनसंहार किया | भारत और अफ्रीका में लूट-पाट की, यह मानवीय प्रकृति, सच्चाई, स्वतंत्रता और न्याय के विपरित है |
इस दौरान पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों ने जैसे भारत को लूटा, वैसा ही करने के लिए रूस को भी कॉलोनी बनाना चाहते हैं |अब उल्लेखनीय है कि यूरोपीय परिषद ने सोमवार को बयान जारी कर लुहांस्क, दोनेत्स्क, खोरसोन और जापोरिज्ज्या के रूस में गैर कानूनी विलय निंदा करते हुए उसे खारिज कर दिया था |परंतु पुतिन का अब यह बयान हिंदुस्तान में भी वायरल हो रहा है |