आखिर अब नासा ने दूसरी दुनिया से आ रहे रहस्यमई तरीकों का पता लगा लिया है | क्यूंकि हाल ही में नासा के एक सैटेलाइट ने वैज्ञानिकों को एक रहस्य से पर्दा उठा दिया है क्यूंकि उनका कहना है की सुदूर अंतरिक्ष के केंद्र में स्थित एक धुंधले बाइनर स्टार से आ रहे विचित्र रहस्यमयी सिग्नल मिल रहे है |
दरअसल आपको बता दे की नासा समेत दुनियाभर के वैज्ञानिक अंतरिक्ष के केंद्र से आ रही विचित्र रहस्यमयी एलियन सिग्लनों को लेकर परेशान थे और लगातार इनकी जांच चल रही थी | जिसके बाद ये पता किया जा रहा था कि आखिर इनका स्रोत क्या है जिसके बाद टेस्स सैटेलाइट की वजह से नासा के वैज्ञानिकों को वह स्रोत पता चल गया की जहां से विचित्र रहस्यमयी एलियन सिग्नल आ रहे थे ये सिग्नल जिस जगह से आ रहे हैं उसे नासा के वैज्ञानिकों ने TIC400799224 नाम दिया है |
इतना ही नहीं अब नासा के वैज्ञानिकों का मानना है कि यह धुंधली जगह दो बाइनरी स्टार हो सकते हैं यानी यहा पर दो तारों का एक सिस्टम हो सकता है | जिनके चारों तरफ धूल के घने बादलों का घेरा बना हुआ है और ये घने बादल इतने ज्यादा गहरे हैं कि इनके अंदर से आने वाले सिग्नलों का स्रोत पता करना मुश्किल हो रहा था परंतु उसके बाद भी नासा के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगा लिया है |
टेस्स ने इस रहस्य को सुलझाने के लिए अंतरिक्ष में एक ही जगह पर महीना भर बिताया ताकि वैज्ञानिकों के द्वारा इस विचित्र रहस्यमयी एलियन सिग्नल की उत्पत्ति को समझा जा सके | नासा के वैज्ञानिकों ने इस धुंधले TIC400799224 को चार अलग-अलग सेक्टर्स से देखा गया था और वैज्ञानिकों ने इस सैटेलाइट के अन्य यंत्रों को भी इस रहस्यमयी वस्तु का अध्ययन करने के लिए ऑन किया और फिर जांच में पता चला कि दो तारों के सिस्टम TIC400799224 के बीच से जो सिग्नल आ रहा है और ये दोनों एक दूसरे का चक्कर लगा रहे हैं | इन दोनों में से एक तारा हर 19.77 दिन पर एक पल्स भेज रहा था |
यह पल्स तारे के चारों तरफ मौजूद बादलों के धुंधले घेरे की वजह से पैदा हो रहा था |
इसी तरह वैज्ञानिकों को इस पूरे सिग्नल के बारे में पता चला |