उत्तर प्रदेश में उपद्रव में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उत्तर प्रदेश सरकार उस व्यक्ति की मुआवजे की वसूली उपद्रव से करेगी |
जी हाँ, आपको बता दें कि इसके लिए उत्तर प्रदेश की विधानसभा में लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक- 2022 पारित भी हो गया है |
दरअसल इस विधेयक में दंगा-उपद्रव में किसी व्यक्ति की मौत या संपत्ति के नुकसान पर मुआवजे की रकम की वसूली दोषी व्यक्ति से करने का प्रावधान है | इतना ही नहीं आपको यह भी बता दे की साल 2020 में ये विधेयक पारित किया गया था, लेकिन हाई कोर्ट में मामला जाने की वजह से संशोधित विधेयक पारित किया गया, इसके तहत दंगा और सार्वजनिक हिंसा के मामलों में वसूली के लिए गठित अधिकरण को अपने आपको संज्ञान लेने का अधिकार है |
इसके साथ ही पॉक्सो एक्ट में अग्रिम जमानत का प्रावधान खत्म कर दिया गया है | इसके अलावा जब यह विधेयक पारित किया गया था तब यह प्रावधान था कि कोई भी दावा याचिका 3 साल के अंदर दाखिल की जाएगी, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है | अब प्रावधान मे यह भी किया गया है कि सही वजह होने पर दावा याचिका में विलंब को माफ कर सकता है |
दूसरी तरफ इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद विपक्षी खेमे में खलबली मची हुई है और अब मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने विधानसभा सत्र का बहिष्कार किया और साथ ही सरकार पर सदन में महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर चर्चा करने में असफल रहने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया |
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में पार्टी विधायकों ने वॉकआउट कर दिया और साथ ही लोकदल के विधायकों ने भी सहयोगी समाजवादी पार्टी के बाद वॉकआउट किया | लेकिन इस विधेयक के पारित होने के बाद कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश में दंगाइयों पर लगाम जरूर लग सकती है |