आगरा दहतोरा में कुत्तों के काटने से मूक बधिर बच्ची की मौत के मामले के बाद नगर निगम ने तीन संस्थाओं का कुत्तों को नसबंदी के लिए चुना है,
ये संस्थाएं एक सितंबर से कुत्तों की नसबंदी का काम शुरू करेंगी।
दरसल नगर निगम ने उन्हें 10 हजार कुत्तों की नसबंदी का लक्ष्य दिया है, हर दिन लोहामंडी, ताजगंज और छत्ता जोन में 30-30 कुत्तों को पकड़ने की जिम्मेदारी एनजीओ के पास रहेंगी ,हरीपर्वत जोन में पीएफए के पास कुत्तों के बधियाकरण की जिम्मेदारी है,
नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अजय कुमार ने बताया कि श्याम हेल्पिंग फर्म मुरादाबाद में कुत्तों की नसबंदी का काम कर रही है, उसे, पीएफए और स्यूमन एनिमल चैरिटेबल एनजीओ को कुत्तों की नसबंदी के लिए चुना गया है। शहर से 10 हजार कुत्तों की नसबंदी उन्हें करनी होगी जिससे दो साल के अंदर शहर में कुत्तों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होगी और उनकी संख्या भी कम होने लगेगा। हर महीने एक हजार कुत्ते हर जोन में पकड़ने होंगे। नसबंदी के बाद उन्हें उसी इलाके में छोड़ा जाएगा ताकि हिंसक संघर्ष न हो।
एनिमल वेलफेयर बोर्ड द्वारा 1400 रुपये कुत्तों की नसबंदी के लिए तय किए गए है। नगर निगम ने टेंडर के जरिए नसबंदी के लिए एनजीओ चुना जिसमें 1139 रुपये प्रति कुत्ते की नसबंदी के लिए भुगतान किया जाएगा। इसमें कुत्तों को पकड़ने, ऑपरेशन कर नसबंदी करने 100 कुत्तों की क्षमता वाले गाया पिंजरों की आस्था एनजीओ ही करेगा। नगर निगम केवल भुगतान करेगा।
आगरा नगर निगम ने तीन संस्थाओ को सौपा कुत्तो की नसबंदी का जिम्मा