ब्रज क्षेत्र में चल रही इलेक्ट्रॉनिक बस यात्रा में आ रही है एक नई समस्या
ब्रज क्षेत्र में चल रही इलेक्ट्रॉनिक बस यात्रा में आ रही है एक नई समस्या: जाने पूरी समस्या विस्तार से AbhiNews के इस ख़ास लेख से |
जाने और समझे ब्रज क्षेत्र में चल रही इलेक्ट्रॉनिक बस यात्रा में आ रही है एक नई समस्या के बारे में विस्तारपूर्वक:-
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा ब्रज क्षेत्र में चलाई जा रही इलेक्ट्रॉनिक बस सेवा में इन दिनों एक नई दिक्कत सामने आ रही है। दरअसल गाड़ी में यात्रा करने वाले यात्रियों को अधिकांश उल्टी की समस्या सामना करना पड़ता है और हमारे भारत में अधिकांश लोग गाड़ी से कम यात्रा करते हैं जिसके चलते वह कभी-कभी गाड़ी से यात्रा के दौरान विचलित हो जाते हैं और उनको उल्टियां आने लगती हैं |
सामान्यतः चलने वाली खिड़की वाली बसों में अधिकांश लोग खिड़की के किनारे बैठ जाते थे और उल्टियां आने पर खिड़की से उल्टी करने लग जाते थे। खुली हुई खिड़की यात्री के लिए उल्टी करने के एक साधन के रूप में काम आती है हालांकि इस संबंध में यात्री को एक सभ्य नागरिक की तरह पेश आना चाहिए और साफ सफाई व अन्य लोगों तक फैलने वाले संक्रमण का ध्यान में रखते हुए चलती हुई बस या गाड़ी से उल्टी नहीं करनी चाहिए जिससे कि मार्ग पर चल रहे अन्य लोगों तक किसी भी प्रकार का संक्रमण और बीमारी ना फैल पाये।
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पीड़ित यात्री को इस तरह की समस्या को सही ढंग का सही ढंग से सामना करना चाहिए |ऐसे समय में वह किसी पॉलिथीन या डिब्बी जैसी वस्तु का उपयोग करके सार्वजनिक स्थान को गंदा होने से बचा सकता है।यही समस्या इन दिनों शीशे बंद एसी इलेक्ट्रॉनिक बसो में सामान्य व अन्य नागरिकों के लिए समस्या का विषय बनी हुई है |
जब किसी भी नागरिक को उल्टी जैसी समस्या होती है तो वह बस को रोककर उल्टी करता है जिससे अन्य सामान्य नागरिकों का समय बर्बाद तो होता ही है साथ ही अन्य और भी कई दिक्कतो का सामना करना पड़ता है और कई बार शीशा बंद इन इलेक्ट्रॉनिक बस में इस प्रकार देखा गया है कि लोग उल्टियां कर देते हैं जिसके चलते बस की साफ-सफाई की स्थिति बिगड़ जाती है और पूरे दिन वह गंदगी बस में ही पड़ी रहती है। जिस साफ-सफाई के आधार पर इन बस सुविधाओं को अन्य नागरिकों के लिए प्रदान किया गया है वह एस.ओ.पी. और स्टैंडर मैनेज नहीं हो पाता है।
इस तरह की समस्या में किसी विशेष नागरिक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता लेकिन फिर भी एक संदेश लोगों तक जरूर दिया जा सकता है कि इस तरह की समस्या से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को यात्रा के लिए अन्य से खुले वाहन का सहारा लेना चाहिए जहां कि वह उल्टी जैसी समस्या से पीड़ित होने पर वाहन को गंदा करने से बचा सके और सार्वजनिक रूप से फैलने वाले संक्रमण की स्थिति को कम करने में सहयोग कर सकें।
बस कंडक्टर और चालक भी यदि अपने विवेक के उपयोग से सवारियों के साथ इस प्रकार की जागरूकता का उपयोग करेंगे तो संक्रमण के दौर में स्वच्छ भारत की तस्वीर को थोड़ा सुधारा जा सकता है।
“भैया यदि किसी को उल्टी की प्रॉब्लम हो तो वह अन्य खुले वहान का सहारा लेकर जा सकता है”
इस तरह सामान्य जानकारी के उपयोग से कंडक्टर बस की साफ-सफाई को मेंटेन करने के लिए बिना किसी नागरिक को बस से उतरने के लिए बाध्य किए बिना एक सामान्य प्रयास कर सकते हैं और साथ ही सामान्य नागरिकों के साथ-साथ खुद के लिए भी एक साफ सुथरा माहौल तय कर सकते हैं या फिर इस समस्या से निपटने के लिए बस प्रशासन को एक या दो व्यक्ति मुख्य बस स्टेशनों पर नियुक्त करने चाहिए जिससे कि बस में इस प्रकार की कोई समस्या आए तो वह स्टेशन पर साफ हो सके ना कि उसको अपने चक्कर पूरे और बैटरी डिस्चार्ज होने के बाद डिपो में मिलने वाली सफाई पर डिपेंड रहना पड़े |
रिपोर्टर:तरुण शर्मा