आखिर क्यों और कैसे हो गये नवनिर्मित बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के ऐसे खस्ता हालात?
आखिर क्यों और कैसे हो गये नवनिर्मित बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के ऐसे खस्ता हालात:AbhiNews के इस लेख से जाने और समझे इससे जुड़े सारे कारण |
भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 16 जुलाई को आधुनिक बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किया गया था |करीब 15000 करोड़ रुपए की लागत से 296 किलोमीटर दूरी तक बना यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट बांदा महोबा हमीरपुर जालौन औरैया और इटावा जैसे 7 जिलों को आपस में जोड़ता है। चित्रकूट के स्थानीय निवासियों की मानें तो इससे वहां के लोगों का रोजगार बढ़ेगा और साथ ही उन्हें अन्य जिलों से संपर्क में सहायता मिलेगी। लेकिन सवाल यह है कि प्रधानमंत्री जी के लोकार्पण के कुछ ही दिनों के बाद एक्सप्रेस वे की सड़क धंसने और दरार की खबरें और वीडियो फोटो सामने आने लगे।
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जाने और समझे विस्तार से आखिर क्यों और कैसे हो गये नवनिर्मित बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के ऐसे खस्ता हालात?
अभी तक पूरे एक्सप्रेस वे पर ना तो टोल सेंटर बनाए गए हैं ना ही सीसीटीवी है और ना ही एक भी पेट्रोल पंप और टॉयलेट देखने को मिलता है। सरकार की मानें तो एक्सप्रेस वे सड़क पर दिख रही यह दिक्कत मामूली है। दरार और धंसी हुई सड़कें बारिश का परिणाम है जो कि मामूली बात है जिसे ठीक करने में विभाग जुड़ा हुआ है। साथ ही इस समस्या की जानकारी देते हुए स्थानीय निवासी जालौन भगवानदास अहिरवार बताते हैं कि:
“बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की सड़कें बह कर प्रधानमंत्री जी के घर की ओर जा रही हैं। एक्सप्रेस वे में दिख रही दरारों में पानी जाने से इसके हालत आने वाले दिनों में और खस्ता होगी और एक्सप्रेस वे पर किलोमीटरो तक तो वन वे ही देखने को मिलता है”
इस विषय पर जानकारी देते हुए दुर्गेश उपाध्याय मीडिया सलाहकार (यू.पी.ई.आई.डी.ए.)बताते हैं कि:
“कि निर्माण की सतत प्रक्रिया जारी है और बारिश के नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन और विभाग पूरी तरह से लगा हुआ है और सारी बेसिक सुविधाएं भी बहुत जल्द लोगों को उपलब्ध कराई जाएंगी”
अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में सड़क धंसने के साथ-साथ आने वाली दरारो का कारण क्या है?
(रिपोर्ट ब्यूरो:तरुण शर्मा)