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Thursday, November 28, 2024

जाने और समझे कैसे एक टीवी रिपेयर करने वाले द्वारा खड़ी की गई 135 करोड़ रुपये टर्नओवर की कंपनी?

जाने और समझे कैसे एक टीवी रिपेयर करने वाले द्वारा खड़ी की गई 135 करोड़ रुपये टर्नओवर की कंपनी?

जाने और समझे कैसे एक टीवी रिपेयर करने वाले द्वारा खड़ी की गई 135 करोड़ रुपये टर्नओवर की कंपनी: AbhiNews की इस स्टार्टअप कहानी से जाने रमन भाटिया द्वारा खड़ी की गई 135 करोड़ रुपये की टर्नओवर वाली कंपनी के बारे में |

जाने और समझे कैसे एक टीवी रिपेयर करने वाले द्वारा खड़ी की गई 135 करोड़ रुपये टर्नओवर की कंपनी
जाने और समझे कैसे एक टीवी रिपेयर करने वाले द्वारा खड़ी की गई 135 करोड़ रुपये टर्नओवर की कंपनी

रमन भाटिया द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स मरम्मत की दुकान में कार्य करने से लेकर अखबार बेचने और यहां तक ​​कि रिक्शा चलाने से जुड़ी हर प्रकार की नौकरियां की गई | आज वो 30 वर्षों के बाद  एक NSE-लिस्टेड 135 करोड़ रुपये की टर्नओवर वाली कंपनी के मालिक बन चुके है हैं |

आईये जाने और समझे कैसे एक टीवी रिपेयर करने वाले द्वारा खड़ी की गई 135 करोड़ रुपये टर्नओवर की कंपनी से जुड़ी सम्पूर्ण कहानी:-

Servotech Power Systems Pvt Ltd के मालिक रमन भाटिया (अब 45) द्वारा वर्ष 1991 में अपनी आंत्रप्रेन्योरशिप से जुड़ी यात्रा की शुरूआत की गई थी | हालांकि उनके द्वारा अच्छी तरह से जमे-जमाए फैमिली बेजिनेस में शामिल नही होने का आसान मार्ग का विल्कप नहीं चुना गया |

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इसके विपरीत 15 वर्ष की आयुं में रमन द्वारा अजीबोगरीब कार्य किये गये |आज पूरे तीन दशक के बाद वो एक NSE-लिस्टेड कंपनी चलाते हैं जो एडवांस सोलर प्रोडक्ट्स, चिकित्सा उपकरणों के साथ-साथ LED लाइट्स आदि बनाने, खरीदने और बेचने से जुड़े कारोबार से जुड़ी है |

कंपनी द्वारा हाल ही में हाई-टेक EV चार्जिंग टूल के लॉन्च के साथ EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) से जुड़ी मार्केट में भी कदम रखा है.

एक सेल्फ-मेड शख़्सियत की कहानी जिन्होंने जाने और समझे कैसे एक टीवी रिपेयर करने वाले द्वारा खड़ी की गई 135 करोड़ रुपये टर्नओवर की कंपनी?

रमन द्वारा साइकिल मैन्युफैकचरिंग में एक मजबूत फैमिली बिजनेस बैकग्राउंड से होने के बावजूद भी सफलता प्राप्त करने के लिए अपना रास्ता खुद बनाने का फैसला किया गया |

रमन द्वारा एक इलेक्ट्रॉनिक्स मरम्मत की दुकान में कार्य करने से लेकर अखबार बेचने और यहां तक ​​कि रिक्शा चलाने तक हर प्रकार की नौकरियों की कोशिश की गई |

रमन द्वारा 90 के दशक की शुरुआत में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद वीडियोकॉन कंपनी में नौकरी करना शुरू कर दिया क्योंकि वो इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को अच्छी तरह से समझना चाहते थे हालांकि कंपनी द्वारा ऑफर की गई सैलरी जानकर वो निराश हो गये थे और उनके द्वारा इंटरव्यू नहीं दिया गया |

रमन की इलेक्ट्रॉनिक्स में बहुत ही गहरी रुचि थी इसीलिए ही उन्होंने रिपेयरिंग की दुकान में कार्य करना शुरू कर दिया| उनके द्वारा अपने पिता से टीवी रिपेयर सम्बन्धित व्यापार शुरू करने के लिए अपनी दुकान में एक छोटी सी जगह देने का अनुरोध किया गया |उनके पिता इसके लिए मान गये और रमन द्वारा अपना कार्य शुरू कर दिया गया |

इसके बाद रमन द्वारा स्टेबलाइजर्स बनाने की शुरुआत की गई |उस समय इनवर्टर की कीमत इतनी ज्यादा थी की कि उपभोक्ताओं के साथ-साथ रिटेल स्टोर के मालिकों द्वारा भी इनको खरीदना बंद कर दिया गया |उसी समय उनके द्वारा अपनी स्किल्स के उपयोग और अपने दोस्तों की सहायता से एक इन्वर्टर तैयार किया गया |

ये उनके जीवन के व्यावसायिक यात्रा से जुड़ा पहला कदम था क्योंकि सिर्फ ‘मौके से बने’ प्रोडक्ट ने उन्हें नये बिजनेस अवसरों की तलाश करने के लिए प्रेरित किया |

वर्ष 1994 तक रमन द्वारा 30 लाख रुपये कमा लिए थे जो उनके और उनके सम्पूर्ण परिवार के लिए सबसे बड़ा मील का पत्थर था |

टेक्नोलॉजी की सहायता से जाने और समझे कैसे एक टीवी रिपेयर करने वाले द्वारा खड़ी की गई 135 करोड़ रुपये टर्नओवर की कंपनी?

रमन के सबसे ज्यादा बिकने वाले इनवर्टर से उन्हें व्यापार को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिली और उनके द्वारा सुल्तानपुरी नई दिल्ली में भाटिया इलेक्ट्रॉनिक्स (Bhatia Electronics) के नाम से अपनी खुद की दुकान की शुरुआत की गई हालांकि ज़िंदगी हमेशा आपकी योजनाओं के अनुरूप नहीं चलती और उनके द्वारा एक वर्ष पहले बेचे गये सभी इनवर्टर फेल होने लग गये |

हालांकि तभी उन्होंने बेहतर इनवर्टर बनाने के लिए कोच्चि के एक इंस्टीट्यूट से जल्दी से इन्वर्टर बनाने की नई टेक्नोलॉजी को सीखा और समझा | इसके बाद उनके द्वारा Servotech ब्रांड के तहत एक नई इन्वर्टर रेंज लॉन्च की गई |

90 के दशक के मध्य से रमन द्वारा अपने बिजनेस को बढ़ाना शुरू किया गया |वर्ष 1996 सलाना आय के मामले में उन्होंने अपने पिता के बिजनेस को भी पीछे छोड़ दिया और वर्ष 2003 में उनके द्वारा बिजनेस को कॉर्पोरेटरूप देते हुए Servotech नाम से एक नई फर्म की शुरुआत की गई |

वर्ष 2004 से 2006 के बीच  रमन द्वारा अपने इनवर्टर, स्टेबलाइजर्स और यूपीएस बेचने के लिए BigBazaar, Spencers, Croma, और बैंकिंग संस्थानों जैसे Kotak, HDFC आदि के साथ हाथ मिलाकर रिटेल बिजनेस की ओर कदम बढ़ाया गया |

इस विस्तार के बाद रमन के लिए नए अवसर खुल गये और फिर उसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा |

वर्ष 2014 में Servotech ने स्कूलों में यूपीएस लगाने के लिए सरकार के साथ मिलकर भागीदारी करके कार्य शुरू किया  |इसके बारे में रमन द्वारा जानकारी दे गई कि सोलर रूफ टॉप लगाने के लिए (अब) तेलंगाना, असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों की सरकारों के साथ मिलकर भागीदारी की गई |

सर्वोटेक द्वारा ही देश का पहला पोर्टेबल सोलर रूफटॉप सिस्टम भी तैयार किया गया है  जिसका उद्घाटन अप्रैल माह में गुजरात के गांधीनगर में स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर परिसर में किया गया था | रमन के अनुसार उनका ये प्रोजेक्ट अभी नई दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में भी चल रहा है | उन्होंने ये भी जानकारी दी कि “ये लैंप भारत और विदेशों के सार्वजनिक स्थानों पर लगाये जाते हैं | भारत में ये लैंप्स स्वर्ण मंदिर, अमृतसर, अयोध्या में राम मंदिर और अन्य जगहों पर लगे देखे जा सकते है |”

वर्ष 2022 में सर्वोटेक द्वारा ईवी चार्जर्स में कदम रखा गया और लोकल ईवी चार्जिंग मशीनें बनाने के लिए ब्रिटेन की कंपनियों के साथ करार किया गया |रमन के दावे के अनुसार कंपनी के चार्जर्स इंडियन ऑयल,भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के कुछ पेट्रोल पंपों में भी लगे हुए हैं |

ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर के माध्यम से बचा रहे हज़ारो ज़िंदगियां

महामारी की दूसरी लहर के दौरान रमन को अपने एक दोस्त के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (oxygen concentrators) खोजने के लिए बहुत कड़ा संघर्ष करना पड़ा, जो COVID-19 के कारण गंभीर रूप से बीमार था |जब उनके द्वारा एक कंसंट्रेटर की व्यवस्था की गई तो उसकी घटिया क्वालिटी ने उन्हें चौंका दिया |

इसके बाद रमन द्वारा वर्ष 2021 में ही गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बनाने के लिए IIT Jammu और DRDO (Defence Research Development Organisation) से संपर्क किया गया | 5 लीटर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 5 LPM ऑक्सीजन तैयार करने में सक्षम होता है और 24 घंटे तक लगातार ऑक्सीजन सप्लाई प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है |

रमन द्वारा वर्ष 2020 की महामारी के बीच एक मिलियन यूरो के अनुदान के माध्यम से UV-C लाइट भी तैयार की गई थी | UV-C हैंडहेल्ड डिसइंफेक्शन लैंप एक ऐसा रिचार्जेबल और पोर्टेबल कीटाणुनाशक उपकरण है जो सतहों को साफ, रोगाणु मुक्त और निष्फल बनाने के लिए 99 प्रतिशत वायरस और कीटाणुओं को मारकर तेजी से और प्रभावशील स्वच्छता सुनिश्चित करने के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है |

बाजार का हाल और भविष्य से जुड़ी योजनाएं

IBEF के अनुसार, भारतीय अक्षय ऊर्जा (renewable energy) क्षेत्र विश्व में चौथा सबसे आकर्षक अक्षय ऊर्जा बाजार है | जैसा कि भारत अपनी ऊर्जा मांग को अपने बल पर पूर्ण करना चाहता है, जो वर्ष 2040 तक 15,820 TWh तक पहुंचने की आशा है | अक्षय ऊर्जा इसमें अपनी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका देने के लिए तैयार है |सरकार की योजना वर्ष 2030 तक 523 गीगावॉट (हाइड्रो से 73 गीगावॉट सहित) की अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की है |

ऐसे में रमन का अपनी कंपनी सर्वोटेक के जरिये लक्ष्य देश में हरित जीवन जीने के लिए अधिक हरित ऊर्जा का उत्पादन करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का है |

हमे आशा है आपको हमारा ये “जाने और समझे कैसे एक टीवी रिपेयर करने वाले द्वारा खड़ी की गई 135 करोड़ रुपये टर्नओवर की कंपनी” स्टार्टअप आधारित लेख जरुर अच्छा लगेगा |

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