रामनगर के तिगराखानपुर में एक सपना साकार हुआ है। बरेली की आँवला विधानसभा में उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “निराश्रित गोवंश संरक्षण कार्यक्रम” के तहत हाल ही में आत्मनिर्भर गौशाला का शुभारंभ हुआ। यह केवल एक गौशाला नहीं, बल्कि उन बेसहारा गौवंशों के लिए एक नया घर है, जो सड़कों पर भटकते थे और किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाते थे।
इस उद्घाटन समारोह में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और स्थानीय अधिकारियों ने शिरकत की। उनके चेहरों पर संतोष और उम्मीद साफ देखी जा सकती थी। आत्मनिर्भर गौशाला में गायों की देखभाल के लिए बेहतरीन इंतजाम किए गए हैं – भरपूर भूसा, ताजा हरा चारा, साफ पीने का पानी और जरूरी दवाओं की व्यवस्था।
यह पहल सिर्फ गायों के संरक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि किसानों के लिए भी राहत लेकर आई है। सरकार के निर्देशानुसार एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है, जिससे निराश्रित गौवंशों को सुरक्षित रूप से इस गौशाला में लाया जा सके। इस प्रयास का मकसद है कि अब कोई भी गौवंश खेतों, सड़कों, गांवों या मोहल्लों में आवारा न घूमे।
लेकिन इस कहानी का एक सख्त पक्ष भी है। यदि कोई पशुपालक दूध दुहने के बाद अपनी गाय को लावारिस छोड़ देता है और वह किसी किसान की फसल को नुकसान पहुंचाती है, तो ऐसे पशुपालकों से मुआवजा वसूलने की तैयारी है। इसके अलावा, पशु अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
