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Sunday, September 8, 2024

ब्रज साहित्योत्सव में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की बात

ब्रज साहित्योत्सव में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की बात

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित ब्रज साहित्योत्सव का शुभारंभ करते हुए पूर्व केंद्रीय केबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहां कहा कि भारत ‘सांस्कृति राष्ट्रवाद की शक्तिपीठ’ है जो संवैधानिक पंथनिरपेक्षता और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सशक्त संकल्प के साथ ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के सफर की स्वभाविक समृद्धि सुनिश्चित कर रहा है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का अकेला देश है जहां विश्व के सभी धर्मावलंबी के साथ-साथ किसी धर्म को न मानने वाले भी संयुक्त रूप से सांस्कृतिक संस्कार, संकल्प के साथ रहते हैं, फलफूल रहे हैं और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से हम अपनी सांस्कृतिक, संवैधानिक प्रतिबद्धता और पहचान को पुख्ता कर अपने समाजिक मूल्यों, धार्मिक विश्वासों, सांस्कृतिक धरोहरों को सुरक्षित और समृद्ध रखते हुए आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ विदेशी आक्रमणकारियों के क्रिमिनल, कम्युनल, क्रूर करतूत को भी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की संकल्प शक्ति से ठीक किया जा रहा है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के बिना संवैधानिक पंथ निरपेक्षता अधूरी है, हमारी भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, राजनीतिक प्रतिबद्धता का मिश्रित पैमाना सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और संवैधानिक संकल्प है। श्री नकवी ने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद विविधता और ऐतिहासिक समृद्धि के साथ भौगोलिक भिन्नताओं को एक सूत्र में पिरोकर अनेकता में एकता का सशक्त संदेशवाहक है। संस्कृति विवि के साहित्योत्सव जैसे आयोजन हमारी सांस्कृतिक धरोहरों को पुख्ता करते हैं।
पद्मश्री जैसे अनेक सम्मानों से सम्मानित विद्वान, कवि डॉक्टर अशोक चक्रधर ने कहा कि बहुत सारे नए-नए योद्धा चेक जीपीटी को चाट गए और नए-नए स्टार्टअप के माध्यम से जो एप आपके लिए तैयार होगा और आई.ए.का प्लेटफार्म बनेगा और वह हाथी है। उन्होंने चुटकियां लेते हुए साहित्य के विस्तार और महत्व के बारे में बारीकि से बताया। उन्होंने कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय और गाथा के सम्मिलित प्रयासों से आयोजित यह साहित्योत्सव अपनी महक चारों ओर फैला रहा है। संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने कहा कि यह एक पहल है, जिसको समृद्ध बनाना है। उन्होंने कहा कि ब्रज की संस्कृति, कला और साहित्य अनूठा और चिर कालीन है। नई पीढ़ी के विद्यार्थियों को ब्रज के साहित्य को जानना चाहिए। सूर, रसखान जैसे हमारे कवियों ने अपनी रचनाओं में भगवान कृष्ण के साथ-साथ जीवन जीने की कला बताई है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन करने के पीछे यही उद्देश्य की हमारी नई पीढ़ी अपने इस स्वर्णिम साहित्य और कला को जाने और आगे तक ले जाए।
उद्घाटन सत्र का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और पद्मश्री डा. अशोक चक्रधर के दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनबी चेट्टी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्कृति विवि के बारे में बताया। संस्कृति विवि के डाइरेक्टर जनरल डा. जेपी शर्मा ने सभी अतिथियों और उपस्थित विद्यार्थियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच पर ब्रजकला केंद्र के विष्णु गोयल, विवि की सीईओ श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, विवि के कैप्स के डीन डा. रजनीश त्यागी भी मौजूद रहे।

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