संस्कृति विवि में अध्ययन और शोध करेंगे विदेशी विद्यार्थी
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों के लिए भी जिज्ञासा का केंद्र बन रहा है। हाल ही में विभिन्न देशों के शिक्षण संस्थानों के साथ शुरू हुए विद्यार्थी विनियमय कार्यक्रमों के तहत विएतनाम और श्रीलंका के उच्च शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थी अध्ययन और शोध के लिए आए हैं। संस्कृति विश्वविद्यालय की सीईओ श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि संस्कृति विवि में विएतनाम से थि किम थौंग डिन्ह और ग्वेन हा ट्रैंग छात्राएं और श्रीलंका से नेथमा रनवीरा अध्ययन और शोध के लिए आई हैं। ये छात्राएं यहां तीन महीने रहकर अपने विषयों के अलावा भारतीय संस्कृति, भाषा और कला के बारे में भी अध्ययन करेंगी। विएतनाम से आई छात्राओं के अध्ययन का विषय विशेष रूप से आर्थिक प्रबंधन और विश्लेषण से जुड़ा है। इसी प्रकार श्रीलंका से आई छात्रा के अध्ययन का विषय जीवविज्ञान(बायोलाजी) से संबंधित है। श्रीमती शर्मा ने बताया कि संस्कृति विवि के ये विद्यार्थी विनिमय के कार्यक्रम कई देशों की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान के साथ हुए एमओयू पर आधारित हैं। हम चाहते हैं कि विदेशी विद्यार्थी यहां आएं और यहां आकर अपने विषय के अतंर्गत शोध करने के साथ-साथ भारत को व भारत की संस्कृति को भी जानें। इसी तरह हमारे यहां के विद्यार्थी विदेशों में जाकर वहां की शिक्षा और शोध के विषय में ज्ञान वृद्धि करें ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच कर वे किसी जानकारी से वंचित न रहें। विदेशी विद्यार्थियों के आगमन पर विवि प्रशासन की ओर से उनका भारतीय परंपराओं के अनुरूप स्वागत किया गया। साथ ही पहले दिन विवि के एकेडमिक दल ने उनको विवि की शिक्षा और वातावरण के बारे में आवश्यक जानकारी दी। इस मौके पर विवि की एकेडमिक डीन डा. मीनू गुप्ता, डाइरेक्टर जनरल डा. जेपी शर्मा भी मौजूद रहे।