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Wednesday, January 15, 2025

संस्कृति विवि में खुला मैनेज का नोडल सेंटर, किसान, छात्र बन सकेंगे उद्यमी

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में एग्रीक्लीनिक एवं एग्री बिजनेज सेंटर(एसीएबीसी) का शुभारंभ अपने पहले बैच के साथ हुआ। कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन मैनेज (राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान) द्वारा शुरू हुए प्रायोजित 45 दिवसीय नि:शुल्क आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में महत्वाकांक्षी उद्यमियों को व्यापक प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करना है। इसके माध्यम से छात्र, किसान सरकारी सहायता से स्वयं उद्यमी बनने का सपना पूरा कर सकेंगे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. सचिन गुप्ता ने कृषि क्षेत्र में उपलब्ध कई स्वरोजगार के अवसरों पर जोर दिया। उन्होंने कृषि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के महत्व पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों को विभिन्न विकसित तरीकों के बारे में बताया जो इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बना सकते हैं। चांसलर डॉ. सचिन गुप्ता ने कृषि क्षेत्र में सफल उद्यमिता के लिए आवश्यक गुणों पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने दृढ़ता, अनुकूलन क्षमता और बाजार की गतिशीलता की गहरी समझ के महत्व पर जोर दिया।
आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. रजनीश त्यागी ने अतिथियों और छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि की इस प्रशिक्षण में भाग लेने वाले विद्यार्थियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है और उन्हें इस अवसर का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय हमारे छात्रों के बीच एक उद्यमशीलता की मानसिकता को बढ़ावा देने और उन्हें कृषि क्षेत्र में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागियों को ज्ञान और उपकरणों से लैस करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसकी उन्हें आवश्यकता है। हम मानते हैं कि उनकी उद्यमशीलता की भावना का पोषण करके, हम नवाचार चला सकते हैं और कृषि उद्योग के विकास में योगदान कर सकते हैं।

कार्यक्रम में मौजूद संस्कृति विश्वविद्यालय के महानिदेशक डॉ. जे.पी. शर्मा कृषि व्यवसाय से जुड़े अनुभव विद्यार्थियों के साथ साझा किए। उन्होंने कहा कि कृषि-व्यवसाय में हमारे देश में वृद्धि और विकास की अपार संभावनाएं हैं। कुलपति, डॉ. एम.बी. चेट्टी ने कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने और कृषि-व्यवसाय क्षेत्र का समर्थन करने में नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ. चेट्टी ने कहा कि नाबार्ड देश भर में कृषि उद्यमियों को वित्तीय सहायता, मार्गदर्शन और प्रशिक्षण प्रदान करने में सबसे आगे रहा है। हमारे प्रतिभागी नाबार्ड और नवोन्मेषी व्यवसाय मॉडल विकसित करें जो कृषि अर्थव्यवस्था का उत्थान कर सकें।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए कुल 35 उम्मीदवारों का चयन किया गया है, जो 15 मई, 2023 से 28 जून, 2023 तक चलेगा। इस व्यापक कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को कृषि-व्यवसाय में उत्कृष्टता प्राप्त करने और योगदान देने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करना है। कृषि क्षेत्र के विकास के लिए।उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने शिरकत की। इस कार्यक्रम में सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें डॉ. जे.पी. शर्मा, संस्कृति विश्वविद्यालय के महानिदेशक डॉ. एम.बी. चेट्टी, संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संस्कृति विश्वविद्यालय बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर के सीईओ अरुण कुमार त्यागी और विश्वविद्यालय की अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल थीं।

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