18.2 C
Mathura
Thursday, December 26, 2024

राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं ने सीखे आत्मरक्षा के गुरमार्शल आर्ट आत्मरक्षा की सबसे प्रभावी कलाः

मथुरा। मार्शल आर्ट आत्मरक्षा की सबसे प्रभावी कला है। मार्शल आर्ट सीखने वाले छात्र-छात्राओं के दिल व दिमाग से हमेशा के लिए डर निकल जाता है। मार्शल आर्ट ऐसी विधा है जोकि लगातार प्रैक्टिस करने से ही आती है। यह बातें चतुर्थ डिग्री ब्लैक बेल्टधारी और इण्टरनेशनल ताईक्वांडो फेडरेशन अवॉर्ड प्राप्त संजय चौहान ने राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के बीबीए द्वितीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को बताईं।
राजीव एकेडमी में बुधवार को आत्मरक्षा में मार्शल आर्ट की उपयोगिता विषय पर आयोजित मोटीवेशनल गेस्ट लेक्चर में श्री चौहान ने छात्र-छात्राओं से कहा कि हम दूसरों की रक्षा तभी कर सकते हैं जब स्वयं की सुरक्षा करने में समर्थ होंगे। उन्होंने कहा कि सूचना क्रांति के आधुनिकतम युग में भी आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट का हुनर ही सबसे उत्तम है। यही ऐसी विधा है जो हर समय आपके पास रहती है। यदि हमें निडर और बेखौफ जीवन बसर करना है तो हमें मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण जरूर लेना चाहिए।
श्री चौहान ने कहा कि यदि आप मार्शल आर्ट जानते हैं तो औरों की बजाय स्वयं की रक्षा करने में अधिक सक्षम हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि मुक्केबाजी, जीतकुनेडो, जीउजित्सु, जूडो, मावमागा, मयथाई, सम्बो आदि मार्शल आर्ट के ही विभाग हैं। हम इनमें से किसी एक कला में दक्षता हासिल कर स्वयं की आत्मरक्षा कर सकते हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि मार्शल आर्ट सीखने के लिए अच्छे उस्ताद (गुरू) का चयन करें। दूसरे आप उक्त कला को सीखते समय अपने मन और मस्तिष्क पर फोकस करें। ध्यान रहे कि मन और मस्तिष्क एक ही है। मस्तिष्क जो शरीर को आर्डर करेगा वह तत्काल करेगा, यदि शरीर और मस्तिष्क में तालमेल ठीक रहेगा तो आप सामने वाले श्रेष्ठ जानकार को भी हरा सकेंगे।
श्री चौहान ने छात्र-छात्राओं को आत्मरक्षा की वे पांच कलाएं भी बताईं जिनको सीखने के बाद कोई भी अपनी सुरक्षा आसानी से कर सकता है। उन्होंने छात्राओं का आह्वान किया कि वे स्वयं की रक्षा के लिए मार्शल आर्ट जरूर सीखें। श्री चौहान ने कहा कि हर बेटी अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद ले तभी वह सही मायने में पॉवरफुल महिला कहलाने की हकदार होगी। उन्होंने बताया कि किसी हमले की हालत में अटैकर की आंखों में उंगलियों से वार करें। हथेली का मुक्का बनाकर अटैकर के कानों पर मारें या उसके घुटनों पर किक करें। कभी किसी के चेहरे पर मुक्के से वार न करें क्योंकि इससे उसके दांतों से आप खुद घायल हो सकती हैं। इसकी बजाय कुहनी का इस्तेमाल करें। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने चतुर्थ डिग्री ब्लैक बेल्टधारी संजय चौहान का आभार माना।

Latest Posts

महालक्ष्मी मेले में आस्था का महाकुंभ ,लाखों भक्तों ने किए दर्शन

Mahakumbh of faith in Mahalaxmi fair, lakhs of devotees visited आज दूसरे गुरुवार को बेलवन में लाखों भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा जिससे लोगों में...

धूमधाम से निकाली गई मां भगवती की शोभायात्रा

The procession of Maa Bhagwati was taken out with much fanfare हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मां भगवती की विशाल शोभायात्रा नगर में...

अष्ट सखी ग्रुप खिला रहा ₹10 में भरपेट भोजन

Ashta Sakhi Group is feeding a full meal for ₹ 10 अष्ट सखी ग्रुप खिला रहा ₹10 में भरपेट भोजन समूचे ब्रजमंडल में हजारों की संख्या...

पानी की बोतल के पीछे कोटा पटना एक्सप्रेस ट्रेन में हुई मारपीट

पानी की बोतल के पीछे कोटा पटना एक्सप्रेस ट्रेन में हुई मारपीट कोटा से पटना के लिए जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन में उस वक्त अफरा...

6 माह से बंद पड़ा रेलवे पुल नहीं हुआ सुचारू

6 माह से बंद पड़ा रेलवे पुल नहीं हुआ सुचारू रेलवे विभाग के द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं...

Related Articles