तीन बाण धारी मानव सेवा दल (रजि.) द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में सुनाया शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग
लोनी नगर पालिका क्षेत्र के कृष्णा विहार फेस 2 , गली न.5 में तीन बाणधारी मानव सेवा दल आध्यात्मिक संस्था द्वारा
श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के चौथा दिन को भागवत कथा पंडित मुरली मनोहर शास्त्री ने शिव विवाह का प्रसंग सुनाया। इसे सुन श्रोता भाव विभोर हुए।कथावाचक पंडित मुरली मनोहर शास्त्री ने भागवत कथा श्रवण कराते हुए कहा कि मनु शतरूपा की कन्या आकूति का विवाह पुत्रिका धर्म के अनुसार रुचि प्रजापति से तथा प्रसूति कन्या का विवाह ब्रह्माजी के पुत्र दक्ष प्रजापति से हुआ। उससे उन्होंने सुंदर नेत्रों वाली सोलह कन्याएं उत्पन्न कीं। इनमें से तेरह कन्याएं श्रद्धा, मैत्री, दया, शांति, तुष्टि, पुष्टि, क्रिया, उन्नति, बुद्धि, मेधा, तितिक्षाए और मूर्तिद्ध धर्म की पत्निया बनीं। अग्निदेव स्वधा नामक कन्या समस्त पितरों की तथा सती नाम की कन्या महादेव की पत्नी बनीं। उन्होंने कहा कि सती अपने पतिदेव की सेवा में ही संलग्न थीं।
दक्ष प्रजापति की सभी कन्याओं को संतान की प्राप्ति हुई लेकिन सती के पिता दक्ष ने बिना किसी अपराध के भगवान शिवजी से प्रतिकूल आचरण किया था। इसीलिए युवावस्था में क्रोधवश योग द्वारा स्वयं ही अपने शरीर का त्याग कर देने से सती को कोई संतान न हो सकी। भागवत कथा के दौरान धार्मिक भजन गाए गए। जिन पर श्रद्धालु थिरके।
इस दौरान शिव-पार्वती विवाह की झांकी भी सजाई गई।
विवाह प्रसंग के दौरान शिव-पार्वती विवाह की झांकी पर श्रद्धालुओं ने पुष्प बरसाए। इस अवसर पर तीन बाण धारी मानव सेवा दल (रजि.) के समस्त सेवादार राजीव पांचाल, एडवोकेट आर. के. पोद्दार, पत्रकार मदन लाल, पत्रकार दिपांशु माहेश्वरी,नितिंन अग्रवाल, प्रभात दुबे , विष्णु यादव,हरिओम पोद्दार , धर्मेन्द्र व मनोज सैनी, सुप्रशिद्ध भजन गायिका गुण गुण दुबे, श्री श्याम लाड़ला मित्र मंडल के मुख्य सेवादार संदीप गुप्ता वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गर्ग मदनलाल अनूप शर्मा आदि सभी सेवादार मौजूद रहे
तीन बाण धारी मानव सेवा दल (रजि.) द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में सुनाया शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग