कचरा बनेगा सोना,गोबर होगा धन
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना अंतर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु 5000 से अधिक आबादी वाली 87 संबंधित ग्राम पंचायत सचिवों व सहायक विकास अधिकारी पंचायत की बैठक आहूत की गई। जिसमें गांव में उत्सर्जित होने वाले ठोस अपशिष्ट एवं गोबर के निस्तारण हेतु खाद के गड्ढे, नाडेप,सामुदायिक नाडेप पद्धति पर आधारित खाद के गड्ढे, वर्मी कंपोस्ट पद्धति के खाद के गड्ढे, प्लास्टिक बैंक, कचरा पात्र, इंसीनरेटर आदि बनाएं जायेंगे। सामुदायिक वर्मी कंपोस्ट से ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा और वर्मी खाद तैयार होगी, जिसको बाजार में विक्रय कर ग्राम पंचायत आय अर्जन करेगी।
तरल अपशिष्ट के निस्तारण हेतु नालियों के निर्माण, व्यक्तिगत सोखता गड्ढे, सामुदायिक सोखता गड्ढे, सिल्ट कैचर, पीटीसी चैंबर, वेस्ट स्टेबलाइजेशन पॉन्ड आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
अपर जिला पंचायत राज अधिकारी ग्रीस यादव ने सचिवों को ऑडिट ससमय निस्तारित करने के निर्देश दिए।
, साथ ही उपस्थित ग्राम पंचायत सचिवों को निर्देश दिए गए कि वह दो दिवस के अंदर अपनी-अपनी ग्राम पंचायत में लेखपाल, एवं ग्राम वासियों के साथ बैठक एवं ग्राम का सर्वे कर जगह का चिन्हीकरण करते हुए व्यक्तिगत खाद के गड्ढे, सामुदायिक खाद के गड्ढे, प्लास्टिक बैंक, डस्टबिन, इंसीनरेटर, सिल्ट कैचर, फिल्टर चैंबर आदि का निर्माण कार्य प्रारंभ कराये।
बैठक में जिला समन्वयक पवन चौधरी,शेखर कांत,राहुल शर्मा जिला परियोजना प्रबंधक आदि मौजूद रहे।