डिजिटल और सतत भविष्य के लिए वैश्विक युवा नेताओं ने दी दिशा
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय युवा फोरम 2024 द्वारा “क्लिक्स से प्रोग्रेस: युवा डिजिटल पथों से सतत विकास की ओर,” विषय को लेकर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित की गई। वेबिनार में वैश्विक युवा लीडर ने डिजिटल तकनीक और सतत विकास के संबंध में महत्वपूर्ण विचार साझा किए। वैश्विक युवा नेताओं ने डिजिटल तकनीकियों के माध्यम से सतत विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की चर्चा की। वेबिनार की शुरुआत संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. एम.बी. चेट्टी द्वारा की गई। उन्होंने डिजिटल तकनीकियों की शक्ति और उनकी भूमिका पर जोर दिया और कहा, “डिजिटल तकनीकें आज हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन तकनीकों के माध्यम से हम एक समृद्ध और समावेशी समाज की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सरकार की पहल, जैसे कि डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया, युवाओं को नवप्रवर्तन और उद्यमिता में नए अवसर प्रदान करती हैं। कुलपति ने वेबिनार में भाग ले रहे युवाओं को प्रेरित किया कि वे इन तकनीकियों का उपयोग समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए करें। इकोनामिक डवलपमेंट बोर्ड मारीशस की मुख्य बिजनेस एनालिस्टिक प्रीतिलक्ष्मी रामदावा ने मॉरीशस में डिजिटलाइजेशन के प्रभाव और महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे मॉरीशस की सरकार डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर रही है और युवाओं को वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए प्रयासरत है। चीन चीनी-अंग्रेजी अनुवादक, विशेषज्ञ कु.ह्वांग रुइंग (जिन्हें “री” के नाम से जाना जाता है) ने डिजिटल और ग्रीन तकनीकियों के क्षेत्र में चीन की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने वी.चैट., जो एक सुपर ऐप है और कई एप्लिकेशनों की सुविधाओं को एक ही प्लेटफॉर्म में समेटता है, के बारे में बताया । री ने बताया कि नई तकनीकियां समाज में हरित जीवनशैली को प्रोत्साहित कर रही हैं और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रही हैं। दक्षिणी सूडान के मिनिस्ट्री आफ जनरल एजूकेशन एंड इंस्टीट्यूट में आईटी आफीसर अकोट चार्ल्स नागोर ने बताया कि कैसे साउथ सूडान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच तकनीकी अंतर को पाटने के लिए काम कर रहा है और “गर्ल पावर इन सूडान” जैसे सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से लिंग समानता को प्रोत्साहित कर रहा है। श्रीलंका माईलिंक प्रा.लि. में आईटी स्पेशलिस्ट दिनुश्कर राजकुमार ने श्रीलंका में तकनिकियों के प्रभाव की चर्चा की। उन्होंने हैच नामक स्टार्टअप इनक्यूबेटर का उदाहरण दिया, जो युवा उद्यमियों को समर्थन प्रदान करता है। जिंबावे की बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के छात्र न्यूटन मांजेनग्वा ने बताया कि ये तकनीकें केवल संचार तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि शिक्षा, उद्यमिता और सामाजिक बदलाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। युवा इनका उपयोग करके नवाचार कर रहे हैं और वैश्विक संपर्क बढ़ा रहे हैं। वेबिनार की मेज़बानी की जिम्मेदारी संभालने वाली नेहा महेश्वरी ने कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन किया। वेबिनार का समापन संस्कृति विवि के शिक्षक एवं इंटरनेशनल यूथ फोरम के संयोजक प्रो.रतीश कुमार के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। वेबिनार के दौरान संस्कृति विवि की डा.मोनिका अबरोल, डा.कंचन सिंह, डा. डीएस तोमर भी उपस्थित रहे।