30.1 C
Mathura
Sunday, April 27, 2025

राजीव इंटरनेशनल स्कूल में हुआ दो दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन

राजीव इंटरनेशनल स्कूल में हुआ दो दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन

पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र होती हैं, ऐसे में यदि पुस्तक मेले से छात्र-छात्राओं को रूबरू होने का सुअवसर मिले तो इससे अच्छी बात दूसरी हो ही नहीं सकती। शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले मथुरा जनपद के राजीव इंटरनेशनल स्कूल में दो दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। एक ही छत के नीचे हजारों तरह की पुस्तकें पाकर छात्र-छात्राओं के चेहरे खुशी से खिल उठे।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल में दो दिवसीय पुस्तक मेले के आयोजन का उद्देश्य छात्र-छात्राओं में अध्ययन-अध्यापन के प्रति रुचि जागृत करना था। इस पुस्तक मेले में आगरा और दिल्ली के प्रकाशकों ने अपने-अपने स्टॉलों में ज्ञानवर्द्धक पुस्तकों का संग्रह रखा। पुस्तक मेले में पुस्तकों की प्रदर्शनी के साथ-साथ उनकी बिक्री की भी व्यवस्था की गई थी। पुस्तक मेले में हर आयु वर्ग के विद्यार्थियों को अपनी-अपनी पसंद की पुस्तकें देखने और खरीदने का सुअवसर मिला।
पुस्तक मेले में छोटे बच्चों के लिए पंचतंत्र के साथ-साथ अन्य मनोरंजक कहानियों की रंग-बिरंगी किताबें थीं तो बड़े बच्चों के लिए एक से बढ़कर एक उपयोगी पुस्तकें भी स्टॉलों में पाई गईं। काल्पनिक, हॉरर, थ्रिलर, बायोग्राफी जैसी विविध प्रकार की पुस्तकों को एक ही छत के नीचे पाने की खुशी जहां छात्र-छात्राओं में साफ देखी गई वहीं उन्होंने इसका लाभ उठाते हुए जमकर पुस्तकों की खरीददारी भी की। पुस्तक मेले में अभिभावकों की पसंद का भी पूरा ध्यान रखा गया था। इस अवसर का लाभ उठाते हुए विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों ने भी अपनी-अपनी रुचि के अनुसार पुस्तकें खरीदीं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने पुस्तक मेले के आयोजन को समसामयिक बताते हुए कहा कि मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक पुस्तकें छात्र-छात्राओं ही नहीं हर आयु वर्ग के लोगों के लिए न केवल उपयोगी होती हैं बल्कि उनका जीवन पर्यंत मार्गदर्शन भी करती हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि पुस्तकें प्रगति एवं बुद्धि के विकास में सहायक होती हैं। पुस्तकें ही हमारी हर मुश्किल में सहायता करती हैं तथा अज्ञान के अंधकार से हमें ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाती हैं।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में जब विद्यार्थियों की मौलिकता सोशल मीडिया या मोबाइल में लुप्त होती जा रही हो, ऐसे समय में उस अंधकार से उन्हें सिर्फ अच्छी पुस्तकें ही निकाल सकती हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि पुस्तकों को मनुष्य का सच्चा मित्र कहा जाता है, इन्हें पढ़कर ही हम ज्ञान पाते हैं। आज हम किसी विषय के बारे में जो कुछ जानते हैं उसका आधार किताबें ही हैं। बच्चें पुस्तक पढ़कर ही सीखना शुरू करते हैं।
विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने कहा कि इस प्रकार के पुस्तक मेले बड़े उपयोगी होते हैं क्योंकि हमें एक ही स्थान पर सभी प्रकार की पुस्तकें देखने, पढ़ने एवं चुनने का अवसर मिलता है। विद्यार्थियों के ज्ञानवर्धन के लिए समय-समय पर ऐसे पुस्तक मेलों का आयोजन किया जाना बहुत जरूरी है।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल में हुआ दो दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन

Latest Posts

संस्कृति लीडरशिप कॉन्क्लेवः लीडर बोले चुनौतियां का सामना डटकर करें

Sanskriti Leadership Conclave: Leaders said to face challenges boldly संस्कृति बिजनेस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव में भाग लेने आए विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों ने कहा...

संस्कृति विवि में बिजनेस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव होगा 25 अप्रैल को आयोजित

Business and Leadership Conclave will be organized on 25th April at Sanskriti University संस्कृति विश्वविद्यालय में 25 अप्रैल को संस्कृति बिजनेस एंड लीडरशिप...

संस्कृति विवि में बिजनेस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव में हुए मानक हुए स्थापित

Standards were set in the Business and Leadership Conclave at Sanskriti University संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित बिजनेस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव में विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों...

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों ने जाना लॉजिस्टिक्स में ई-कामर्स का महत्व

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों ने जाना लॉजिस्टिक्स में ई-कामर्स का महत्व मथुरा। संस्कृति स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स ने एंटरप्रेन्योरियल क्लब के सहयोग से...

संस्कृति विश्वविद्यालय में जयंती पर याद किए गए डा. अंबेडकर

संस्कृति विश्वविद्यालय में जयंती पर याद किए गए डा. अंबेडकर मथुरा। डॉ. भीम राव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर, संस्कृति विश्वविद्यालय के विधि एवं...

Related Articles