37.1 C
Mathura
Monday, May 19, 2025

संस्कृति विवि में बिजनेस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव में हुए मानक हुए स्थापित

Standards were set in the Business and Leadership Conclave at Sanskriti University

संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित बिजनेस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव में विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों ने विद्यार्थियों और श्रोताओं को व्यापार जगत में सफलता और नेतृत्व क्षमता अर्जित करने के अनेक टिप्स देकर कॉन्क्लेव की उपयोगिता को ऩई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। कॉन्क्लेव में जहां व्यापार में ग्राहक को भगवान और कर्मचारी को हनुमान की संज्ञा दी गई वहीं लीडर बनने के लिए कर्तव्य, निष्ठा, संस्कृति और ज्ञान को मूलमंत्र बताया गया।
संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मैमोरियल हाल में हुआ। कॉन्क्लेव उद्घाटन सहित कुल छह सत्रों में समाहित था। कॉन्क्लेव का शुभारंभ आध्यात्मिक गुरु आचार्य सतीश सद्गुगुरु जी महाराज, संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता, प्रति कुलाधिपति राजेश गुप्ता, उद्योगपति पूरन डाबर, अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स लिमिटेड के चेयरमैन रमेश अग्रवाल, डाबर ग्रुप के चीफ मैनेजिंग डाइरेक्टर पूरन डावर, एचआईआईएमएस के फाउंडर मनीषजी, कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
उद्घाटन सत्र में संस्कृति विवि के कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी ने अपने स्वागत भाषण में सभी वक्ताओं का परिचय देते हुए कहा कि कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता चाहते हैं कि हर विद्यार्थी जो भी संस्कृति विश्वविद्यालय में पढ़ रहा है नौकरी ढूँढने वाला नहीं नौकरी प्रदान करने वाला बने। उनके नेतृत्व में शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में संस्कृति विवि ने बहुत काम किया है। उद्योगपति पूरन डावर ने अपने जीवन से जुड़े अनेक संस्मरणों का हवाला देते हुए कहा कि आज का समय युवा पीढ़ी के लिए अमृत काल है, यह काल स्वतंत्रता का दूसरा चरण है , आर्थिक स्वतंत्रता का काल है। आप लोगों को देश के लिए जान देने का मौका नहीं मिला पर आप लोगों को शान से जीने का मौका मिला है। शिक्षा ज़रूरी नहीं है की नौकरी पाने के लिए की जाये, आप युवा पीढ़ी कोशिश कीजिए की नौकरी प्रदान करने वाले बने न कि नौकरी लेने वाले। पश्चिमी देश इतने विकसित इसलिए हैं क्योंकि वहाँ के बच्चो को काम करने की आदत है वे किसी भी काम को छोटा नहीं समझते। उन्होंने कहा कि उद्यमशीलता ही आपको सशक्त बना सकती है, देश को सशक्त बना सकती है। नौकरी खाने को दे सकती है पर अंबानी और अदानी तो उद्यमशीलता से ही बना जा सकता है।
अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स लिमिटेड के चेयरमैन रमेश अग्रवाल ने कहा कि आप लोग पांच सपने देखिए, उन में से किसी एक को चिह्नित कीजिए, उसपर निरंतर प्रयास कीजिए और आपका लक्ष्य एक दिन आपको ज़रूर हासिल होगा। उन्होंने अपनी जीवन के बारे में बताया कि जब में सेना में कार्यत था तो मन में एक ही विचार आता था की कैसे में और लोगों को भी रोज़गार प्रदान कर सकूं, इसलिए मैंने अपनी सेना की नौकरी छोड़ दी और 1987 में शुरुआत की अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स की। उन्होंने अपने ख़ुद के आज़माये हुए नुस्खों को संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ साँझा किया ताकि वे लोग भी कुछ सीख ले सकें। उद्घाटन सत्र का समापन संस्कृति विवि की स्टूडेंट काउंसिल के अध्यक्ष यश श्रीवास्तव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

Latest Posts

संस्कृति विवि और वी सर्व के मध्य हुआ महत्वपूर्ण समझौता

संस्कृति विश्वविद्यालय और वी सर्व: एन इनिशिएटिव टू सर्व द अनसर्व्ड, के मध्य शिक्षा प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग करने के लिए...

संस्कृति विवि में कार्यक्रमों के साथ मना अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस

संस्कृति विश्वविद्यालय में परंपरागत रूप से इंटरनेशन नर्सिंग डे के अवसर पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया विद्यार्थीयों ने अन्तराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के...

संस्कृति विवि और वी सर्व के मध्य हुआ महत्वपूर्ण समझौता

An important agreement was signed between Sanskriti University and V-Serve संस्कृति विश्वविद्यालय और वी सर्व: एन इनिशिएटिव टू सर्व द अनसर्व्ड, के मध्य शिक्षा प्रौद्योगिकी...

संस्कृति विवि के पूर्व छात्र,आईआईटी विद्वान ने बताया सफलता के रास्ते

संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ एजूकेशन ने विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र और आईआईटी जोधपुर में वर्तमान एम.टेक. विद्वान हर्ष वार्ष्णेय की विशेषता वाली...

संस्कृति विवि में वक्ताओं ने बताया बौद्धिक संपदा के अधिकार का महत्व

संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में संस्कृति बौद्धिक संपदा अधिकार(आईपीआर) समिति द्वारा एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा नवाचार...

Related Articles