33.9 C
Mathura
Monday, May 12, 2025

संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज की राष्ट्रीय सेमिनार में गंभीर मुद्दों पर हुई चर्चा

संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज की राष्ट्रीय सेमिनार में गंभीर मुद्दों पर हुई चर्चा

संस्कृति आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के द्रव्यगुण विज्ञान विभाग व रस शास्त्र भैषज्य कल्पना विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ‘फार्माकोविजिलेंस, एडवर्स ड्रग रिएक्शंस व ड्रग आईडेंटिफिकेशन'(“औषधियम -2024”) विषय पर इस सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में विशेषज्ञ वक्ता प्रो. रवि नारायण आचार्य डायरेक्टर जनरल, सीसीआरएएस, आयुष मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा बताया गया कि फार्माकोविजिलेंस का मुख्य उद्देश्य सभी प्रकार की औषधियां का सुरक्षित व उचित उपयोग करना है| उन्होंने बताया कि औषधि लेने के बाद किसी भी तरह के होने वाले अवांछित दुष्प्रभाव की पहचान कर, उनका विश्लेषण व मानकीकरण करना, रिपोर्टिंग करना तथा भविष्य मैं औषधीयों का प्रतिकूल प्रभाव नहीं हो उसके लिए किन उपायों को अपनाना चाहिए।
प्रो. सुदीप्त कुमार रथ डीन, इंट्रडिसीप्लिनरी स्टडीज व विभागाध्यक्ष द्रव्य गुण विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर ने कहा कि दवाओं के दुष्प्रभाव की किस तरह से रिपोर्टिंग व मॉनिटरिंग करना चाहिए, इसको अच्छी तरह से समझना होगा। उन्होंने आयुर्वेद में फार्माकोविजिलेंस की आवश्यकता, जड़ी-बूटियों के बढ़ते वैश्विक उपयोग, सुरक्षा संबंधी चिंताओं, औषध गुणवत्ता की समस्याओं, नियामक आवश्यकताओं और प्रभावशीलता व सुरक्षा जैसे विषयों पर बारीक जानकारी देते हुए कहा कि इसको सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाण की जरूरत है। साथ ही औषधीयों के परस्पर प्रभाव व प्रतिकूल दुष्प्रभावों की निगरानी व मानकीकरण सुनिश्चित करना आदि विषयों पर भी उन्होंने विस्तार से चर्चा ।
अतिथि वक्ता डॉ. अजयन सदानंदन प्रेसिडेंट, इंडियन मेडिकल हेरिटेज, कांजीकोडे, पलक्कड़, केरल द्वारा फील्ड विजिट में औषधीयों की सटीक पहचान व उनकी चिकित्सकीय उपयोगिता के बारे में व्यवहारिक जानकारी दी। साथ ही वृक्षायुर्वेद व ऑर्गेनिक फार्मिंग पर विस्तार से बताया। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का मूल उद्देश्य आयुर्वेदिक औषधियां की पहचान में ज्ञान वृद्धि, वैज्ञानिक प्रमाणीकरण को बढ़ावा देना, फार्माकोविजिलेंस की आवश्यकता, उद्देश्य, औषधीय के प्रतिकूल व अवांछित दुष्प्रभाव की पहचान, विश्लेषण, मॉनिटरिंग व रिपोर्टिंग करना आदि विषयों पर विद्यार्थियों को बारीक से बारीक जानकारी उपलब्ध कराना था। इस दृष्टि से सेमिनार अपने उद्देश्यों में काफी हद तक सफल रही।
संगोष्ठी में भाग लेने वाले यूजी, पीजी पीएचडी स्कॉलर्स व अन्य प्रतिभागियों ने विशेष वक्ताओं के व्याख्यानों के माध्यम से उपयोगी जानकारी प्राप्त की तथा इन महत्वपूर्ण जानकारी को लोगों तक पहुंचाने का संकल्प लिया। सेमिनार का शुभारंभ संस्कृति यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता द्वारा, कुलपति डॉ. एमबी चेट्टी व सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। उद्घाटन के दौरान संस्कृति आयुर्वेद मेडिकल कालेज एवं हास्पिटल के प्राचार्य डॉ. एम. मोहनन (ऑर्गेनाइजिंग चेयरपर्सन) व विभागाध्यक्ष डॉ. वी वी रामा राव (आर्गैनाइजिंग सेक्रेटरी) व अन्य संकाय सदस्य डॉ. दिलीप पात्ति, डॉ. इ वी रेड्डी, डॉ. प्रतिभा, डॉ. लक्ष्मी, डॉ. अनीश, डॉ. अनिला, डॉ. सुरभि आदि उपस्थित रहे। सेमिनार में लगभग 350 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया ।

Latest Posts

संस्कृति विवि में वक्ताओं ने बताया बौद्धिक संपदा के अधिकार का महत्व

संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में संस्कृति बौद्धिक संपदा अधिकार(आईपीआर) समिति द्वारा एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा नवाचार...

एक राष्ट्र एक चुनाव से कम खर्च और कामकाज आसान: दुर्विजय सिंह

मंगलवार को संस्कृति यूनिवर्सिटी के संतोष मैमोरियल ऑडिटोरियम में एक राष्ट्र एक चुनाव अभियान के अन्तर्गत प्रबुद्ध समागम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथी...

संस्कृति विवि में जूनियर्स ने सीनियर को दी भावभीनी विदाई

Juniors gave emotional farewell to seniors in Sanskriti University संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मैमोरियल हाल में "अलविदा नहीं फेयरवेल पार्टी" का भव्य आयोजन किय।...

उत्तराखंड के राज्यपाल ने बैकुण्ठ धाम के किए दर्शन

The Governor of Uttarakhand visited Baikunth Dham उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह श्री बद्रीनाथ धाम के दर्शन किए। उन्होंने श्री बद्रीनाथ मन्दिर...

संस्कृति विवि में बताई “शिक्षा के वर्तमान दौर में शैक्षणिक व्यावसायिकता” की उपयोगिता

संस्कृति विवि में बताई “शिक्षा के वर्तमान दौर में शैक्षणिक व्यावसायिकता” की उपयोगिता मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में संस्कृति स्कूल आफ एजूकेशन ने...

Related Articles