मातृ दिवस पर आरआईएस के बच्चों ने प्रस्तुत किए मनोहारी कार्यक्रम
मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल में शनिवार का दिन ममतामयी माँ के नाम रहा। किसी ने माँ के लिए गुलदस्ता बनाया तो किसी ने माँ की ममता को शब्दों में पिरोया। कोई माँ की दी सीख को साझा करता दिखा तो किसी ने माँ को भगवान की बनाई सबसे सुन्दर चीज बताया। मनोहारी कार्यक्रमों के बीच नौनिहालों ने अपने-अपने तरीके से माँ के प्रति प्यार जताया। इस अवसर पर स्कूल प्रबंधन द्वारा माताओं का सम्मान कर मातृ दिवस को और भी खास बना दिया गया।
माँ शब्द किसी परिचय का मोहताज नहीं होता क्योंकि यह सृष्टि का आधार है। माँ के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी मदर्स डे धूमधाम से मनाया गया। मातृ दिवस का शुभारम्भ मुख्य अतिथि बाल अदालत की ज्यूरी मेम्बर वंदना शर्मा, डॉ. दीपशिखा इंजीनियर, डॉ. वर्तिका इंजीनियर ने दीप प्रज्वलित कर तथा नौनिहालों ने श्रीगणेश वंदना प्रस्तुत कर किया। श्रीगणेश वंदना के पश्चात नन्हें-मुन्ने बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां पेश कर उपस्थित अभिभावकों को भावविभोर कर दिया। प्राइमरी के विद्यार्थियों ने सभी माताओं को समर्पित नाटक की प्रस्तुति देकर खूब वाहवाही बटोरी। इस अवसर पर स्कूल के नौनिहालों ने तू कितनी अच्छी है, कितनी भोली है माँ गीत सुनाकर हर किसी को भाव-विह्वल कर दिया। छात्र-छात्राओं ने अपनी कविताओं, भाषण व गीतों में दर्शाया कि माँ अनमोल खजाना है, जिसके आगे सभी खजाने व्यर्थ हैं। दुनिया की सारी दौलत देकर भी माँ का प्यार नहीं खरीदा जा सकता। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए उपस्थित माताओं के मनोरंजन के लिए भी विभिन्न प्रकार के मनमोहक गेम एवं प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं जिसमें मातृशक्ति ने उत्साहपूर्वक प्रतिभागिता की। अंत में उपस्थित माताओं ने रैम्प वॉक कर कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली माताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। नन्हें-मुन्ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों की हर किसी ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की। कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं की माताओं ने भी अपने-अपने अनुभव साझा किए।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने सभी को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपनी माँ के बताए हुए सन्मार्ग पर चलने का प्रयास करें। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि माँ की ममता और स्नेह तथा पिता का अनुशासन ही बच्चों के व्यक्तित्व को विशेष बनाने में अहम भूमिका निभाता है।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि माताएं पहली शिक्षक होती हैं। उनके दिए गए संस्कार जीवन भर काम आते हैं। इस दुनिया में माँ ही एकमात्र ऐसी इंसान होती है, जो हमें कभी अकेला नहीं छोड़ती तथा अपनी जिम्मेदारियों को लगातार बिना रुके और बिना थके निभाती है। श्री अग्रवाल ने जीजाबाई जैसी माताओं का उदाहरण देते हुए कहा कि मातृशक्ति ही सृष्टि का आधार है। विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने मातृशक्ति को नमन करते हुए सभी को मदर्स डे की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि माँ जीवन में सही रास्ते पर चलने में बच्चों का मार्गदर्शन करती है। हमें हमेशा अपनी माँ का सम्मान करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन काव्या यदुवंशी, कविता अग्रवाल, निलांशी एवं प्रत्यक्षा शर्मा ने किया।