16.3 C
Mathura
Tuesday, February 11, 2025

तालाबों के शहर दुर्ग से धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं तालाब

तालाबों के शहर दुर्ग से धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं तालाब

दुर्ग जिले का धमधा जिसे छह कोरी, छह आगर तरिया यानी 129 तालाबों वाला नगर कहा जाता है इस धर्मधाम धमधा और तालाबों के नगर पर सीजी पीएसीसी मे प्रश्न आया था. की तालाबों का नगर का आप नाम बताइये पहले  जितने तालाब धमधा में थे. उतने दूसरे स्थान पर नहीं थे पर ये तालाब बढ़ते शहरीकरण से गुम हो चुके है. सरकारी आकड़ो मे भी  अब इनकी संख्या 29 है. अधिकारी भी मान रहे है, अधिकांश तालाब अतिक्रमण के चलते खत्म हो गए। अब जितने भी तालाब बचे हैं, उन्हें जन जागरूकता अभियान चलाकर बचाएंगे हमारी मुहीम भी इन तालाबों क़ो बचाने और सहेजने की है दुर्ग मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर बेमेतरा रोड पर धमधा स्थित है। छतीसगढ़ की 36 रियासतों में धमधागढ़ भी एक था यहां 14वीं-15वीं शताब्दी में गोंड आदिवासी राजाओं का शासन था, जिनका किला आज भी धमधा में मौजूद है किले को 129 तालाबों के घेरे से अभेद्य बनाया गया था इन तालाबों को पानी से लबालब रखने का काम “बूढ़ा नरवा” यानि बूढ़ा नाला करता था। और इस बूढ़ा नरवा में पानी की सप्लाई पांच किलोमीटर दूर के खेतों से होती थी और आज भी हो रही है बारिश का और खेतों का अतिरिक्त पानी इस लंबी नहर से होकर पहले तालाब में पहुंचता था फिर उसके भरने के बाद क्रमशः दूसरा, तीसरा, चौथा तालाब भरता चला जाता था वहीं धमधा का इतिहास करीब 11 सौ साल पुराना है। छतीसगढ़ की 36 रियासतों में धमधा गढ़ भी था। जहां गोंड आदिवासी राजाओं का शासन था, जिनका किला आज भी धमधा में मौजूद है गोंड आदिवासी राजाओं का परिवार आजकल महासमुंद के अरण्य गांव में रहकर खेती किसानी करता है। धमधा गढ़ के किले के चारों तरफ सुरक्षा और जल संरक्षण की दृष्टि से तीन स्तर में तालाब खोदे गए थे सभी में पानी बूढ़ा नरवा नाला भरता था, वह आज भी भर रहा है।धमधा के अधिकांश तालाब अवैध कब्जे की भेंट चढ़कर विलुप्त हो गए। सिर्फ 29 तालाब ही बचे हैं। वहीं मुख्य नगर पालिका अधिकारी ओपी ठाकुर ने बताया कि धमधा में त्रिमूर्ति महामाया मंदिर 900 साल पुराना माना जाता है। यह धमधा का सबसे पुराना मंदिर है।उन्होंने ने कहा कि धमधा में 129 तालाब हुआ करते थे, अब केवल 29 बचे हैं।जितने भी तालाब बचे हैं, पूरी तरह से सफाई कर कर लोगों को जागरूक करेंगे और लोगों को कहेंगे कि तालाबों में कचरा ना डालें तालाबों को बचाना है तो लोगों को जागरूक होना जरूरी है तालाबों को अतिक्रमण कर कर लोग घर बना रहे हैं उन्हें भी हम नोटिस और समझाइए दी जा रही है वहीं गोविंद पटेल ने कहा कि धमधा को छै कोरी है आगर तरिया वाले गांव के रूप में जाना जाता है। यानी 126 स्थान तालाब वाला गांव,छत्तीसगढ़ में ऐसे कई स्थान हैं, जहां यह कहावत सुनने को मिलती हैं,रतनपुर,खरौद,नवागढ़,आरंग और  मल्हार इसमें शामिल हैं,लेकिन जितने तालाब आज धमधा में दिखते है,उतने दूसरे स्थान पर नहीं दिखते,यहां आने वाले पर्यटक जब स्थानीय निवासियों से पूछते है कि अब कितने तालाब है तो जबाव होता है 25-30 तालाब ही बचे होंगे

Latest Posts

संस्कृति विवि में उत्साह के साथ मनाया गया वसंत उत्सव

Spring festival celebrated with enthusiasm in Sanskriti University संस्कृति विश्वविद्यालय में ज्ञान, विद्या की देवी सरस्वती और वसंत के आगमन पर वसंत उत्सव का...

संस्कृति विवि में हुआ सूर्यनमस्कार और स्वास्थ पर उपयोगी चर्चा

संस्कृति योगा एंड फिटनेस क्लब द्वारा सूर्य नमस्कार दिवस मनाया गया। इस मौके पर एक कार्यशाला भी आयोजित की गयी जिसमें डाइजेस्टिव हेल्थ और...

संस्कृति विवि के 17 विद्यार्थियों को जापान की कंपनी जे-टेक्ट ने दीं नौकरी

Japanese company J-Tect gave jobs to 17 students of Sanskriti University. संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को जापान की ख्यातिप्राप्त जे-टेक्ट इंडिया कंपनी में नौकरी...

Ascent Abacus Academy के होनहार छात्रों ने 2 फरवरी को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के अबेकस ओलंपियाड में शानदार प्रदर्शन कर खिताब जीता

मथुरा के Ascent Abacus Academy के होनहार छात्रों ने 2 फरवरी को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के अबेकस ओलंपियाड में शानदार प्रदर्शन कर...

के आर पीजी कॉलेज मथुरा बना क्रिकेट में विजेता

दिनांक 2 फरवरी से 4 फरवरी तक आरबीएस कॉलेज आगरा द्वारा अंतर महाविद्यालय (पुरुष )क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।महाविद्यालय के क्रीड़ा सचिव एवं...

Related Articles