मूल डीड देने में देरी पर मंत्री ने पूरा रजिस्ट्री ऑफिस हटाया
रजिस्ट्री के बाद मूल डीड वापस करने में देरी पर स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कार्रवाई करते हुए मथुरा निबंधन कार्यालय के पूरे स्टाफ को हटाकर दूसरे जिलों से संबद्ध कर दिया है। मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति बनाई गई है भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे स्टाफ को हटाने का यह प्रदेश का पहला मामला है जांच में शिकायत सही पाए जाने पर सभी को निलंबित किया जाएगा वहीं, प्रदेश के सभी रजिस्ट्री कार्यालयों से मूल दस्तावेज देर से दिए जाने के रिकॉर्ड मांगे गए हैं रजिस्ट्री के बाद पक्षकार को मूल डीड उसी दिन में वापस करने का नियम है। उप निबंधक कार्यालय मथुरा सदर में एक बुजुर्ग ने मथुरा विकास प्राधिकरण से आवंटित 75 लाख के फ्लैट की रजिस्ट्री कराई थी। रजिस्ट्री के बाद उसकी मूल डीड एक दिन बाद वापस की गई साथ ही उसे प्रताड़ित भी होना पड़ा।इसकी शिकायत उसने स्टांप व पंजीयन मंत्री से की। मंत्री ने मामले का संज्ञान लेते मथुरा सदर के उप निबंधक अजय त्रिपाठी को मिर्जापुर, कनिष्ठ सहायक (निबंधक) सतीश कु. चौधरी को ललितपुर और प्रदीप उपाध्याय को महोबा से संबद्ध कर दिया है। साथ ही मामले की जांच अयोध्या मंडल के उप महानिरीक्षक (निबंधन) निरंजन कुमार और उप महानिरीक्षक निबंधन अविनाश पांडेय को दी गई है रवींद्र जायसवाल, स्टांप एवं पंजीयन मंत्री का कहना हे कि रजिस्ट्री के बाद मूल डीड की वापसी में देरी की शिकायत मिली थी। मैंने तत्काल बाबू से बात की तो पाया कि गलत मंशा से उनके दस्तावेज रोके गए हैं। जांच में आरोप सही पाए गए तो पूरे ऑफिस को निलंबित किया गया
