राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं को दी सुरक्षित निवेश की जानकारी
मथुरा। यदि आप चाहते हैं कि आपके भविष्य की वित्तीय स्थिति आज की वित्तीय स्थिति से बेहतर हो तो आपको ऐसा करने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होगी। एक स्मार्ट, प्रभावी और सुरक्षित निवेश रणनीति विकसित करने के लिए आपको बचत विशेषज्ञ या रियल एस्टेट विशेषज्ञ होने की आवश्यकता नहीं है बल्कि इसे पूरा करने के लिए समर्पण और दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमबीए विभाग द्वारा आयोजित अतिथि व्याख्यान में सेबी के प्रतिनिधि और फाइनेंस काउंसलर रोहित वाजपेयी ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
अतिथि व्याख्यान में श्री वाजपेयी ने छात्र-छात्राओं को स्मार्ट निवेशक बनने के महत्वपूर्ण उपाय बताए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट निवेशक बनने के लिए अल्पकालिक तथा दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आय का कुछ हिस्सा हमेशा निवेशित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सर्वप्रथम कम उम्र से ही निवेश करना शुरू कर देना चाहिए। श्री वाजपेयी ने कहा कि स्मार्ट निवेशक होने का कोई सटीक विज्ञान नहीं है लेकिन हम कुछ युक्तियों को अपनाकर स्मार्ट निवेशक बन सकते हैं। अतिथि वक्ता श्री वाजपेयी ने कहा कि स्मार्ट निवेशक बनने के लिए हम अपनी जरूरतों को जानें तथा निवेश उत्पादों का चुनाव करें। इतना ही नहीं एक निवेशक के अंदर जोखिम लेने की भूख होनी चाहिए, अपना निवेश कई प्रकार से करें तथा लगातार निवेश करें, केवल दूसरों के हिसाब से न चलें। उन्होंने छात्र-छात्राओं से स्मार्ट निवेशक बनने के लिए लगातार सीखते रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि निवेश पत्र-पत्रिकाओं को लगातार पढ़ें तथा वित्तीय गतिविधियों से हमेशा वाकिफ रहें।
श्री वाजपेयी ने कहा कि अपने निवेश में विविधता लाना आपकी निवेश रणनीति का हिस्सा होना चाहिए। निवेश लागत आपके निवेश पोर्टफोलियो को प्रभावित न करे इसके लिए सबसे कम लागत वाले उत्पादों की तलाश करें जो आपकी आवश्यकताओं को पूरा करते हों। उन्होंने बताया कि जब रियल एस्टेट बाजार गिर रहा हो तो निवेश जारी रखना डरावना हो सकता है, लेकिन गिरावट का समय खरीददारी के लिए सबसे अच्छा समय होता है। जब बाजार गिरता है, तो आपके द्वारा निवेश किया गया प्रत्येक पैसा लाभकारी हो जाता है। अतिथि वक्ता ने छात्र-छात्राओं को बताया कि शुरुआत करना अक्सर निवेश का सबसे कठिन हिस्सा होता है, लेकिन एक बार शुरुआत करने के बाद चीजों को आगे बढ़ाना भी उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए उनका आभार माना।