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Friday, April 25, 2025

आईआईटी प्रोफेसर ने संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को दिया गुरुमंत्र

आईआईटी प्रोफेसर ने संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को दिया गुरुमंत्र

संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मैमोरियल हाल में सत्र 2024 -25 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम ‘दीक्षारंभ 2024’ के दूसरे दिन मुख्य अतिथि आईआईटी जोधपुर के सुविख्यात प्रोफेसर डा.एसआर वाडरा ने संस्कृति विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को अपने अनुभव का निचोड़ बताते हुए कहा कि मोटिवेशन(अभिप्रेरण) तभी महत्वपूर्ण है जब यह आपके अंदर से हो। यही आपको बड़ा बनाता है और लक्ष्य हासिल कराता है।
डा.वाडरा ने कहा कि हमारे यहां पढ़ाई के बाद 50 प्रतिशत बेरोजगार रह जाते हैं। इसकी बड़ी वजह है कि हमको तेजी से बदलते वर्तमान के अनुरूप कौशल प्राप्त नहीं होता। पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों को सचेत रहना चाहिए कि क्या नया है किस कौशल की वर्तमान में जरूरत है। आप जब ये जान लेते हैं और उस कौशल को हासिल कर लेते हैं जिसकी आपको भविष्य में जरूरत है तो फिर आपको रोजगार पाने में कभी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने जोर दिया कि कौशल और ज्ञान हासिल कर आपको रोजगार देने वाला बनने की सोच रखनी चाहिए। एक अच्छे प्रोफेशनल बनने के लिए आपकी सोच अपने लिए सीखने के साथ-साथ ऐसा सीखने की जरूरत है जो दूसरों के काम आए। यहीं पर उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि आपको अपने प्रति किसी के द्वारा किए गए हर कार्य के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए और उसके प्रति श्रद्धा भी रखनी चाहिए वह चाहे गुरु हो या माता-पिता। विद्यार्थियों से पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों जैसे खेल-कूद, अन्य कलाओं में भी भाग लेना चाहिए।
उन्होंने विद्यार्थियों को एआई(AI) की अनूठी व्याख्या करते हुए कहा कि मेरी एआई अलग है। मैं अपने 40 के प्रोफेशनल कैरियर के अनुभव के बाद ‘ए टू आई’ को महत्व देता हूं। उन्होंने विद्यार्थियों को ए से आई तक आने वाले लैटर से शब्दों को चयन करते हुए उनके महत्व को बताया। इनमें उन्होंने एप्रिसिएशन,बिलीफ, कम्युनिकेशन, डिफ्रेंट, एक्साइटमेंट, फोकस, ग्रेटीट्यूट, होनेस्टी और इंटेशन जैसे शब्दों की व्याख्या कर विद्यार्थियों को बताया कि ये आपके जीवन के लिए कितना महत्व रखते हैं।
संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने नए प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आपको हर समय माता-पिता के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए। आपको अपने आप को पहचानना चाहिए। अपनी क्षमता का भरपूर उपयोग करिए। जब पढ़ाई हो तो खूब पढ़िए, जब खेलना हो तो खूब खेलिए। जीवन को सरल बनाएं और खुश रहें। किसी भी माता-पिता के लिए ये गर्व की बात होगी कि उन्हें अपने बच्चे के नाम से जाना जाय। अपने आइडिया को पूरा करिए, चुनौतियों का सामना करिए।
इससे पूर्व विवि के कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को विवि के बारे में जानकारी दी। डा.वाइरा चैल्लई ने विद्यार्थियों को एजूकेशन सिस्टम की जानकारी दी। एग्रीकल्चर विभाग के डीन डा. केके सिंह ने विद्यार्थियों को विवि की स्कालरशिप योजनाओं के बारे में बताया। डीन डीएस तोमर ने विवि की अनुशासन व्यवस्थाओं की, अंकित शर्मा ने एनसीसी के महत्व, प्राचार्य डा. केके पाराशर ने एनएसएस के महत्व, पायल श्रीवास्तव ने विवि में संचालित अन्य गतिविधियों के बारे में, डा.रेनू गुप्ता ने कक्षाओं में उपस्थिति के महत्व को बताया। कार्यक्रम का संचालन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की मैनेजर सुखदीप कौर ने किया।

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