सक्सेस पाने के लिए लद्दाक के इंजीनियर व हेल के डायरेक्टर वांगचुक ने बताया कि कैसे जिज्ञासा, सहानुभूति और किसी चीज को लेकर पहल करना जरुरी हैं | वांगचुक अपनी सफलता का श्रेय भी इन तीनों को ही देते हैं |
दरअसल आपको बता दें कि अपने वक्तव्य में सोनम वांगुचक कहते हैं कि किसी चीज को सीखने के लिए आपको माता-पिता या शिक्षकों की जरूरत नहीं है |
मानव शरीर प्राकृतिक रूप से सीखने के लिए ही बना है और हमारे हार्डवेयर में एक जिज्ञासा नाम का सॉफ्टवेयर पहले से इंस्टॉल किया गया है जिससे हम किसी चीज को आसानी से सीख सकते हैं तो आपको बस इसे इस्तेमाल करने की जरूरत होती है तो आप भी अपने जिज्ञासा रूपी सॉफ्टवेयर को न रोकें |
इसके अलावा वांगचुक ने आगे कहा कि सफलता की कहानी में दूसरी सबसे जरूरी चीज है सहानुभूति और आजकल जितने भी नए बिजनेस शुरू होते हैं, उनका जन्म ही लोगों की समस्या को सुलझाने से होता है तो ऐसे में लोगों की समस्या को सुलझाकर अपना व्यापार चला रहे लोगों को किसी प्रचार-प्रसार की आवश्यकता ही नहीं पड़ती |
ऐसे व्यापार में अगर आप सहानुभूति का भाव भी जोड़ दें, तो ये लंबे समय तक बिना रुके चलेगा |
इतना ही नहीं इसके बाद वांगचुक ने कहा कि केवल सहनुभूति काफी नहीं होती, इसके साथ किसी चीज को करने की पहल यानी इनीतिटिव भी बेहद जरूरी है तो ऐसे में जिज्ञासा, सहानुभूति और पहल जीवन के तीन प्रमुख स्तंभ बन जाते हैं, जो आपको सफल होने में मदद करते हैं |
वे कहते हैं कि एक अच्छा इंटरप्रेन्योर बनने के लिए आपको दिल से अच्छा बनना होगा, जब आप दूसरों की खुशी और उनकी इच्छापूर्ति के बारे में सोचने लगेंगे तब आप अपनी सफलता की नई कहानी लिखेंगे |
तो आज के समय में सभी नई बिजनेसमैन या युवाओं को अपनी जिंदगी में इन 3 चीजों को अपनाना जरूर चाहिए |