राजीव एकेडमी में लीन सिक्स सिग्मा विषय पर अतिथि व्याख्यान आयोजित
मथुरा। सिक्स सिग्मा एक अनुशासित और डेटा संचालित दृष्टिकोण है जिसका व्यापक रूप से परियोजना प्रबंधन प्रक्रिया में सुधार लाने और दोषों को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह उन विविधताओं को पहचानने और समाप्त करने के लिए एक व्यवस्थित ढांचा प्रदान करता है जो परियोजना के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती हैं। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमबीए विभाग द्वारा लीन सिक्स सिग्मा विषय पर आयोजित अतिथि व्याख्यान में रिसोर्स परसन प्रो. (डॉ.) सपना यादव जे.पी. यूनिवर्सिटी ने छात्र-छात्राओं को बताईं। रिसोर्स परसन प्रो. सपना यादव ने छात्र-छात्राओं को बताया कि सिक्स सिग्मा को 1980 के दशक में मोटोरोला द्वारा विकसित किया गया था। तभी से इसे जनरल इलेक्ट्रिक, टोयोटा और अमेजॉन सहित दुनिया भर की कई अन्य कम्पनियों द्वारा अपनाया गया है। इसका उपयोग ग्राहकों की संतुष्टि में सुधार, लागत कम करने तथा मुनाफा बढ़ाने के लिए विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवाएं, वित्त और सेवा जैसे उद्योगों में किया जाता है। प्रो. सपना यादव ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक समय में सिक्स सिग्मा पद्धति के बारे में प्रबन्धन के हरेक छात्र-छात्रा को अपडेट जानकारी होनी चाहिए क्योंकि इसके द्वारा हम दो शक्तिशाली प्रक्रिया सुधार तकनीकों से परिचित होते हैं। इस प्रक्रिया में गैर मूल्य वर्धित गतिविधियों की पहचान करके उन्हें समाप्त कर अपशिष्ट को समाप्त करने तथा दक्षता को अधिकतम बढ़ाने पर अपना फोकस करते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक सॉफ्टवेयर पद्धति है जो आपको कार्य निष्पादन करने में मदद करती है। उन्होंने बताया कि यह सहयोगी टीम के प्रयास पर निर्भर करती है। यह बढ़ा हुआ प्रदर्शन, घटी हुई प्रक्रिया विविधता लाभ, कर्मचारी मनोबल और उत्पादन या सेवा की गुणवत्ता में कमी तथा सुधार में योगदान करती है। परियोजना स्तर पर इनकी संख्या पाँच है जैसे मास्टर ब्लैक बेल्ट, ब्लैक बेल्ट, ग्रीन बेल्ट, यलो बेल्ट तथा व्हाइट बेल्ट। ये सभी बेल्ट टीम के लोग परियोजनाओं का संचालन करने, कार्यों में सुधार, प्रोजेक्ट को लोकप्रिय बनाने तथा संस्थान की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने का कार्य करते हैं। प्रो. सपना यादव ने कहा कि सिक्स सिग्मा व्यावसायिक रणनीति के लाभों में 50 फीसदी तक प्रक्रिया लागत में कमी, समय चक्र में सुधार, सामग्री की कम बर्बादी, ग्राहकों की आवश्यकताओं की बेहतर समझ, ग्राहक संतुष्टि और मूल्य प्रवाह में वृद्धि तथा अधिक विश्वसनीय उत्पाद और सेवाएं प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि प्लेसमेंट के बाद छात्र-छात्राएं जब किसी संस्थान में चयनित होते हैं तब वह सिक्स सिग्मा के माध्यम से बेहतर व्यावसायिक कार्य क्षमता प्राप्त करने के लिए सांख्यिकीय, वित्तीय विश्लेषण और परियोजना प्रबंधन का उपयोग कर सकते हैं। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए उनका आभार माना।