भारत की विविधता ही दुनियां को दिशा दिखाएगीःआंबेकर
संस्कृति विवि स्थापना दिवस समारोह
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के सातवें स्थापना समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय प्रचारक सुनील आंबेकर जी ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अपनी सोच सबके बारे में सोचने की बनाएं। यही हमारी प्राचीन और कारगर तकनीकि है। आज भारत जिस विविधता के साथ आगे बढ़ रहा है वही विविधता के साथ चलने की तकनीकि सारी दुनियां को राह दिखाएगी।
मुख्य अतिथि ने कहा कि आप सभी विद्यार्थी बहुत भाग्यशाली हैं जो संस्कृति विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं। यह एक ऐसा विवि है जो देश के सांस्कृतिक मूल्यों को प्रमुखता देता है और इसी सोच के साथ आपका भविष्य बना रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आज देश में ऐसी अनेक घट रही हैं जिनपर हम सब गर्व कर सकते हैं। चांद के दक्षिणी क्षेत्र में पहुंचने वाला दुनियां का पहला देश भारत बना है। हमारा देश विश्व के सभी महत्वपूर्ण मंचों पर उपस्थित होता है। दुनिया का हर बड़ा देश भारत की ओर देख रहा है। विश्वभर के देश और लोग भारतीय संस्कृति से प्रभावित हो रहे हैं और उसको जानना चाहते हैं। एक समय था जब हमरा देश तकनीकि हासिल करने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था और बिना अच्छाई-बुराई देखे तकनीक हासिल कर रहा था लेकिन अब ऐसा नहीं है।
सुनील आंबेकर ने कहा कि आपके विश्वविद्यालय में अनेक देशों और विभिन्न भाषा भाषी विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। यही विविधता हमें सबसे अलग देश बनाती है। आपको उनके साथ अपनी संस्कृति की विशेषताएं साझा करनी होंगी ताकि वे भारत को और सबके बारे में सोचने की संस्कृति को जान सकें। उन्होंने कहा कि देश की उन्नति के लिए हर मोर्चे पर संघर्ष करने की जरूरत है। संघर्ष से पीछे न हटें। भारत आगे बढ़ेगा और आप भी आगे बढ़ेंगे। उन्होंने शेर पढ़ते हुए अपने वक्तव्य को विराम दिया, कैसे कह दूं कि थक गया हूं मैं, न जाने किस-किस का आसरा हूं मैं।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को बताते हुए कहा कि संस्कृति विवि एक जवान विवि है। इतने कम समय में विवि ने सभी के सहयोग से विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाई है, यह हमारे यहां विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत से ही संभव हो सका है। विवि प्रदेश में दूसरा विवि है जिसे आईसीएआर ने मान्यता दी है। पेटेंट दाखिल करने में विवि देश में पहले नंबर पर है। हमारे यहां इंक्यबेशन सेंटर विद्यार्थियों को रोजगार देने वाला बना रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आप खूब मेहनत करिए विवि आपके साथ है। आपकी आज की गई मेहनत आपके सपनों को पूरा कराएगी।
इससे पूर्व कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने शाल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिह्न देकर मुख्य अतिथि सुनील आंबेकर का सम्मान किया। विवि के कुलपति डा. एमबी चेट्टी ने मुख्य अतिथि के परिचय के साथ स्वागत भाषण दिया। अंत में विवि के डाइरेक्टर जनरल डा. जेपी शर्मा ने धन्यवाद प्रेषित किया। कार्यक्रम का संचालन संस्कृति प्लेसमेंट सेल की सीनियर मैनेजर अनुजा ने किया।
चित्र परिचय 1– संस्कृति विवि के स्थापना दिवस समारोह के दौरान संस्कृति दिव्यांग स्कूल के बच्चे राष्ट्रगान की प्रस्तुति करते हुए ।
2-स्थापना दिवस समारोह में गणेश वंदना प्रस्तुत करते विद्यार्थी।
संस्कृति विवि के 13वें स्थापना दिवस पर नृत्य-संगीत की धूम
दिव्यांग बच्चों की प्रस्तुति ने दर्शकों का दिल जीता
रैंप वाल्क ने सबको किया आकर्षित
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह की शाम का आगाज मां सरस्वती के पूजन और विघ्नहर्ता श्रीगणेश की वंदना के साथ हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ अनूठे अंदाज में संस्कृति दिव्यांग स्कूल के बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियों से किया। इन दिव्यांग बच्चों की हैरत में डालने वाली प्रस्तुतियों ने सबका दिल जीत लिया। इन सभी बच्चों को मंच पर सम्मानित किया गया तो दर्शकों की तालियां गूंज उठीं। दिव्यांग बच्चों ने राष्ट्र गान प्रस्तुत किया तो सबने खड़े होकर उनका साथ दिया।
छात्रा अदिति, खुशी, तेजल, नंदनी, राधा, गुंजन वैदेही, अनुष्का, छात्र विष्णु चौधरी, विष्णु कुमार द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना के तुरंत बाद विवि के मुख्य मैदान पर विवि के विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए कार्यक्रमों की झड़ी लग गई। रंग बिरंगी रौशनियों के बीच तेज संगीत और आकर्षक नृत्यों, गीतों ने पूरे माहौल में मस्ती का ऐसा रंग बिखेरा कि सब देर रात तक इसकी खुमारी में डूबे रहे। मंच पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों शीतल, अर्पणा यादव, शिवांगी राय, अंशिका शर्मा, प्राची सिंह, सुष्मिता, बरखा, नंदनी आदि ने पश्चिमी संगीत से आच्छादित जबर्दस्त नृत्य किया। युवाओं के इस नृत्य ने यकायक संस्कृति विवि के मुख्य मैदान में बैठे हजारों छात्र-छात्राओं में जोश भर दिया। ये शुरुआत थी और विद्यार्थी इस प्रस्तुति के साथ ही अपने फार्म में आ गए। मंच पर दक्षिण भारतीय परंपराओं वाले गीत पर छात्रा प्रसुना, लिखिता, छात्र भारत, पवन आदि ने दक्षिण शैली के शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत कर सबको सम्मोहित किया। छात्रा यशस्वी, निकिता, मेघा, संजना, शिवानी और छात्र प्रिंस यादव, अभिनव जैन ने अपने कठपुतली गीत से सबको बहुत प्रभावित किया। छात्रा पूजा यादव, मोनिका, आकांक्षा, पूजा शर्मा, श्वेता, शिवांगी चौधरी, गुंजन शर्मा, अदिति जैन, श्रष्ठि अग्रवाल, अंशिका शर्मा ने फ्यूजन कत्थक की प्रस्तुति देकर अपनी तैयारी और नृत्य में पारंगकता का जबर्दस्त प्रदर्शन किया। देशभक्ति से ओतप्रोत विद्यार्थियों की प्रस्तुति ने दर्शकों को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर दिया। र्कार्यक्रम का विशेष आकर्षण बना संस्कृति स्कूल आफ फैशन डिजाइनिंग के विद्यार्थियों द्वारा शिक्षक शांतनु के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया फैशन शो। भारतीय वस्त्रों की आधुनिकतम डिजायनिंग को फैशन डिजायनिंग स्कूल के छात्र-छात्राओं ने पूरे आत्मविश्वास के साथ मंच पर प्रस्तुत किया।