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Friday, March 21, 2025

पांच साल बाद के.डी. हॉस्पिटल में लौटी श्यामलाल की याददाश्त

पांच साल बाद के.डी. हॉस्पिटल में लौटी श्यामलाल की याददाश्त

मथुरा। ब्रज क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में शुमार के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर का न्यूरोलॉजी विभाग मस्तिष्क रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। न्यूरोफिजीशियन डॉ. प्रिंस अग्रवाल के प्रयासों से जहां गांव बसई, मथुरा निवासी 72 वर्षीय श्यामलाल की लगभग पांच साल बाद याददाश्त लौटी वहीं भरना कलां, मथुरा निवासी 70 वर्षीय कलुआ के काम करना बंद कर चुके हाथ-पैरों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। जानकारी के अनुसार लगभग पांच साल पहले गांव बसई, मथुरा निवासी श्यामलाल की याददाश्त चली गई थी। याददाश्त जाने के बाद वह किसी को पहचान भी नहीं पाता था। सुध-बुध खो चुका श्यामलाल एक साल से चलने-फिरने यहां तक कि उठने-बैठने में भी असमर्थ हो गया। इस दरम्यान परिजनों ने उसे कई चिकित्सकों को दिखाया लेकिन कहीं लाभ नहीं मिला। आखिरकार एक दिन परिजन श्यामलाल को के.डी. हॉस्पिटल लाए। न्यूरोफिजीशियन डॉ. प्रिंस अग्रवाल ने श्यामलाल की पूर्व की जांचों को देखने के बाद परिजनों को भरोसा दिलाया कि उनकी याददाश्त जरूरी लौटेगी।
डॉ. अग्रवाल की सूझबूझ और उपचार से एक सप्ताह के अंदर ही श्यामलाल की याददाश्त लौट आई तथा लाचार हो चुके हाथ-पैर भी काम करने लगे। न्यूरो फिजीशियन डॉ. प्रिंस अग्रवाल का कहना है कि श्यामलाल स्ट्रोक आने से अपनी सुधबुध खो बैठे थे। उन्होंने बताया कि स्ट्रोक चिकित्सा की आपात स्थिति है जिस पर तत्काल नैदानिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। स्ट्रोक के दौरान समय बहुत कीमती होता है, हम निदान और उपचार में जितनी देरी करेंगे, नुकसान उतना ही अधिक होगा। पांच साल बाद श्यामलाल की चेतना लौटने से परिजन बेहद खुश हैं। परिजनों ने इसके लिए के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन तथा न्यूरोफिजीशियन डॉ. प्रिंस अग्रवाल का आभार मानते हुए कहा कि यहां नहीं आते तो शायद वह कभी नहीं ठीक हो पाते। श्यामलाल के पुत्र का कहना है कि उनके पिता का यहां बहुत कम खर्च में उपचार हुआ है। इसी तरह भरना कलां, मथुरा निवासी कलुआ (70 वर्ष) को एक अप्रैल, 2024 को पूर्ण बेहोशी की हालत में के.डी. हॉस्पिटल लाया गया। वृद्ध ने जहां खाना-पीना छोड़ दिया था वहीं चलने-फिरने में भी असमर्थ था लेकिन डॉ. प्रिंस अग्रवाल के प्रयासों से अब वृद्ध पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर जा चुका है। डॉ. प्रिंस अग्रवाल का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी विभाग में हर तरह की आधुनिकतम चिकित्सा सुविधाएं, विशेषज्ञ चिकित्सक तथा प्रशिक्षित कर्मचारियों के होने से हर तरह का उपचार सहजता से होता है। यहां मिर्गी (दौरे), फॉलिस (पैरालिसिस), सिरदर्द, लकवा, दिमाग के इंफेक्शन, कम्पन, कमर दर्द, गर्दन दर्द, नसों की सभी बीमारियां, दिमाग की ब्लीडिंग, पार्किन्सन, बेहोशी, नींद विकार आदि का सफल उपचार किया जा रहा है। डॉ. प्रिंस अग्रवाल अपनी काबिलियत से अब तक दो सौ से अधिक मस्तिष्क रोगियों के लिए भगवान साबित हो चुके हैं। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल और प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल का कहना है कि ब्रजवासियों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा का लाभ देना ही के.डी. हॉस्पिटल का एकमात्र उद्देश्य है। डॉ. अग्रवाल का कहना है कि के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर चिकित्सा-शिक्षा के क्षेत्र में नजीर बने यही मेरा प्रयास है।

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